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संसद का मानसून सत्र जारी है, ऐसे में तमाम पार्टियों के सांसदों को सदन में अपनी बात रखने का मौका दिया जा रहा है. इसी क्रम में अब करीब एक साल बाद पहली बार नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने लोकसभा में भाषण दिया. इससे पहले वो जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 370 खत्म किए जाने के बाद करीब 8 महीने तक हिरासत में रहे थे. लेकिन रिहाई के बाद पहली बार संसद पहुंचने पर अब्दुल्ला ने कहा कि कश्मीर में कोई भी विकास होता हुआ नजर नहीं आ रहा है. साथ ही उन्होंने पाकिस्तान से जारी तनाव का भी जिक्र किया.
फारूक अब्दुल्ला ने लोकसभा में अपने भाषण की शुरुआत में उन सभी लोगों को धन्यवाद दिया, जिन्होंने उनकी रिहाई के लिए सरकार से मांग की. अब्दुल्ला ने करीब एक साल बाद संसद में लौटने के बाद कहा,
फारूक अब्दुल्ला ने भारतीय सेना के उस ऑपरेशन का भी जिक्र किया, जिसमें जवानों को एक एनकाउंटर के लिए दोषी ठहराया गया है और कार्रवाई शुरू कर दी गई है. उन्होंने लोकसभा में कहा,
“मुझे खुशी है कि आज फौज ने मान लिया है कि शोपियां में जो तीन आदमी मारे गए वो गलती से मारे गए हैं और उनकी इनवेस्टिगेशन कर रहे हैं, मैं उम्मीद करूंगा कि सरकार उनके लिए बहुत ज्यादा मुआवजा देगी.”
फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि बॉर्डर पर लगातार तनाव बढ़ता जा रहा है और लोग मर रहे हैं. इसमें कोई शक नहीं है. इसका कोई रास्ता निकालना होगा और बातचीत के अलावा दूसरा रास्ता नहीं हो सकता. जैसे आप चीन से बात कर रहे हैं, इसी तरह से हमें अपने पड़ोसी से भी बात करके इस स्थिति से निकलने के लिए रास्ता निकालना पड़ेगा.
आज इंजीनियर जिन्होंने अपनी एसोसिएशन बनाई वो भी काम नहीं कर सकते हैं. आज सरकार ने उन्हें भी बंद कर दिया है कि आप काम नहीं कर सकते हैं. बताइए अगर हिंदुस्तान तरक्की कर रहा है तो क्या जम्मू-कश्मीर को ये जरूरत नहीं है कि वो भी इस मुल्क के साथ तरक्की करे?
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