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जम्मू और कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला के खिलाफ लगाए गए जन सुरक्षा कानून(पीएसए) को तीन और महीने यानी 14 मार्च, 2020 तक बढ़ा दिया गया है. अब्दुल्ला पर 17 सितंबर को पीएसए लगाया गया था, जो श्रीनगर में यहां लगातार अपने घर पर हिरासत में हैं, जिसे उप-जेल घोषित कर दिया गया है.
पांच अगस्त को आर्टिकल 370 को हटाने के बाद से राज्य तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों को हिरासत में लिया गया था, जो अब भी हिरासत में हैं. महबूबा मुफ्ती को चश्मे शाही स्थित एक सरकारी भवन से श्रीनगर के एमए रोड पर नए स्थान पर भेजा गया है. उमर अब्दुल्ला हरि निवास में हिरासत में हैं.
इसके अलावा, मुख्यधारा के 35 विधायकों को पहले डल झील के किनारे कंटूर होटल में हिरासत में रखा गया था, इन्हें अब विधायकों के हॉस्टल में रखा गया है.
जानकारी के मुताबिक, जम्मू-कश्मीर के गृह विभाग के सलाहकार बोर्ड ने पांच बार के सांसद अब्दुल्ला के मामले की समीक्षा की, जिसने उनकी हिरासत अवधि बढ़ाने की सिफारिश की. गृह विभाग ने गुपकार मार्ग स्थित उनके आवास को उप-कारागार घोषित कर दिया है.
अब्दुल्ला पहले ऐसे मुख्यमंत्री बन गए हैं, जिनके खिलाफ सख्त पब्लिक सेफ्टी एक्ट (PSA) लगाया गया है.
अब्दुल्ला की हिरासत बढ़ाए जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ट्वीट किया, ‘‘फारूक अब्दुल्ला की हिरासत जन सुरक्षा कानून के तहत तीन महीने के लिए बढ़ा दी गई है......ये बेहद दुखद है. हमारे लोकतांत्रिक देश में ऐसा हो रहा है. ये सब असंवैधानिक कदम हैं.’’
(इनपुट: भाषा)
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