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देशभर में ऑनर किलिंग की बढ़ती वारदातों ने हर किसी को सोचने पर मजबूर कर दिया है. इस तरह के मामलों से चिंतित मुख्य सूचना आयुक्त (CIC) ने केंद्र और राज्य सरकारों को अहम सुझाव दिए हैं.
सीआईसी ने कहा है कि अगर किसी दंपति को अपने जीवन और आजादी को लेकर खतरा महसूस हो रहा है, तो अदालत में शादी करने की इच्छा रखने वाले दंपति की खातिर इसे एफिडेविट में शामिल किया जाए.
बहरहाल आयोग ने एसडीएम या विवाह अधिकारियों को निर्देश दिया कि विशेष विवाह कानून के तहत शादी का 30 दिन का नोटिस तय किया जाए, जो आरटीआई कानून की धारा 4 (1-डी) के तहत जरूरी है. साथ ही अगर किसी को आपत्ति हो, तो जाहिर कर सकें.
विशेष विवाह कानून के तहत शादी तभी हो सकती है, जब इस सिलसिले में नोटिस की एक कॉपी एसडीएम द्वारा ऑफिस के नोटिस बोर्ड पर लगाई जाए.
सूचना आयुक्त ने कहा कि अगर एसडीएम शादी होने देने से इनकार करते हैं, तो कोई भी पक्ष जिला अदालत में 30 दिनों के अंदर अपील कर सकता है. अगर कोई आपत्ति दर्ज नहीं कराता, तो एसडीएम नोटिस जारी होने के 30 दिन बाद शादी करा देते हैं.
आचार्युलु ने यह भी कहा कि अगर कोई व्यक्ति वैध तलाक लिए बगैर रह रहा है, कानूनन सहमति के बगैर शादी कर रहा है, या जो व्यक्ति शादी योग्य उम्र पूरी किए बगैर विवाह कर रहा है, ऐसी स्थिति में नोटिस जरूरी होता है.
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