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बिहार के मुजफ्फरपुर में पुलिस ने रामचंद्र गुहा, मणिरत्नम और अपर्णा सेन समेत 49 हस्तियों के खिलाफ FIR दर्ज की है. देश में बढ़ते मॉब लिंचिंग (भीड़ द्वारा पीट-पीटकर हत्या) पर चिंता जाहिर करते हुए इन लोगों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक ओपन लेटर लिखा था. अब लेटर लिखने पर इन लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है.
मामला दर्ज किए जाने पर फिल्म मेकर अपर्णा सेन और श्याम बेनेगल ने नाराजगी जताई है. क्विंट से बात करते हुए सेन ने कहा, "ये साफ तौर पर उत्पीड़न है, यह सिर्फ उत्पीड़न है और कुछ नहीं."
बता दें कि दो महीने पहले मुजफ्फरपुर के रहने वाले वकील सुधीर कुमार ओझा ने एक याचिका दायर की थी. इस याचिका पर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सूर्यकांत तिवारी ने एक आदेश पारित किया है, जिसके बाद इन लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है.
ओझा ने कहा, "सीजेएम ने मेरी याचिका को स्वीकार करते हुए 20 अगस्त को आदेश दिया था, जिसके बाद आज सदर पुलिस थाना में FIR दर्ज की गई."
द क्विंट से बात करते हुए, अपर्णा सेन ने पीएम को लिखी चिट्ठी को राजद्रोह के रूप में देखने का कड़ा विरोध जताया.
वकील सुधीर कुमार ओझा का आरोप है,
पुलिस ने कहा,
अपर्णा सेन ने बताया कि 49 लोगों पर FIR करने वाले ओझा पहले भी कई मशहूर हस्तियों के खिलाफ मामले दर्ज करा चुके हैं.
बता दें कि ओझा ने असल में पूर्व पीएम मनमोहन सिंह और सचिन तेंदुलकर (जब 2013 में क्रिकेटर को भारत रत्न से सम्मानित किया गया था), शाहरुख खान, सलमान खान, कैटरीना कैफ, अरविंद केजरीवाल, सहित कई मशहूर हस्तियों और राजनेताओं के खिलाफ कई मामले दर्ज करा चुके हैं. यहां तक कि अन्ना हजारे के खिलाफ भी.
पीएम को ओपन लेटर लिखने वालों में से एक निर्देशक श्याम बेनेगल भी हैं. उन्होंने क्विंट से बात करते हुए हैरान थे कि इन बातों को भी देशद्रोही माना जा सकता है.
जाने-माने मलयालम फिल्ममेकर अदूर गोपालकृष्णन ने FIR पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इस देश में अजीब घटनाएं हो रही हैं.
ओझा की याचिका के आधार पर FIR दर्ज करने के कोर्ट के आदेश पर सवाल उठाते हुए गोपालकृष्णन ने कहा, 'क्या कोई भी कोर्ट एक चिट्ठी लिखने के आधार पर इस तरह की याचिका को स्वीकार करेगा, जो देश में होने वाली घटनाओं के बारे में चिंता व्यक्त करने के लिए थी? और अगर ये खबर सच है कि कोर्ट ने इसे स्वीकार किया है, तो लीगल सिस्टम पर किसी को भी चिंता होगी.
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने वायनाड में मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, “जो भी प्रधानमंत्री या सरकार के खिलाफ बोलता है उसे जेल में बंद कर दिया जाता है.”
बता दें कि श्याम बेनेगल, मणि रत्नम, अनुराग कश्यप, सौमित्र चटर्जी और शुभा मुद्गल समेत 49 मशहूर हस्तियों ने इसी साल जुलाई में प्रधानमंत्री को पत्र लिखा था. पत्र में सभी ने कहा था कि मुस्लिमों, दलितों और दूसरे अल्पसंख्यकों की मॉब लिंचिंग को तुरंत रोकने के लिए सरकार कड़े कदम उठाए. इसके साथ ही लिखा गया था कि असहमति के बगैर लोकतंत्र की कल्पना मुश्किल है.
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