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17वीं लोकसभा के पहले सत्र का सोमवार को पहला दिन था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राहुल गांधी समेत कई नेताओं ने बतौर सांसद शपथग्रहण किया. भोपाल से सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने भारी शोरशराबे के बीच संस्कृत में शपथ ली. जैसे ही उन्होंने प्रज्ञा सिंह ठाकुर नाम बताते हुए शपथ लेना शुरू किया तो विपक्ष ने उनके नाम को लेकर सवाल उठा दिया. विपक्ष के मुताबिक इलेक्शन सर्टिफिकेट में उनका नाम कुछ और है.
शपथ लेने के दौरान प्रज्ञा ने जब अपना नाम पढ़ा तो उसे लेकर कई विपक्षी सदस्यों ने आपत्ति जताई. विपक्षी सदस्यों की तीखी आपत्ति के बाद प्रोटेम स्पीकर वीरेन्द्र कुमार ने भरोसा दिया कि साध्वी प्रज्ञा का जो नाम निर्वाचन प्रमाणपत्र में लिखा होगा वही सदन के रिकार्ड में दर्ज किया जाएगा.
साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने कहा कि वो ईश्वर के नाम पर ही शपथ ले रही हैं और अपना वही नाम ले रही हैं जो उन्होंने फॉर्म में भरा है. इस बीच कुछ देर तक लोकसभा के अधिकारी और कर्मचारी रिकार्ड में साध्वी प्रज्ञा का रिकार्ड में नाम खोजते रहे.
प्रधानमंत्री मोदी ने जहां हिंदी में शपथ ली, हर्षवर्धन, श्रीपद नाइक, अश्वनी कुमारी चौबे और प्रताप सारंगी ने भी संस्कृत भाषा में शपथ ली. डी वी सदानंद गौड़ा, प्रहलाद जोशी ने कन्नड में शपथ ली, वहीं हरसिमरत कौर बादल ने पंजाबी में शपथ ली. केंद्रीय मंत्री अरविंद सावंत, रावसाहब दानवे पाटिल ने मराठी में शपथ ली, वहीं जितेंद्र सिंह ने डोगरी, बाबुल सुप्रियो ने अंग्रेजी, रामेश्वर तेली ने असमिया और देबश्री चौधरी ने बांग्ला में शपथ ली.
शपथ लेने के लिए लोकसभा महासचिव ने जैसे ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम पुकारा, सदस्यों ने मेजें थपथपाकर उनका स्वागत किया. बीजेपी के सदस्यों ने भाजपा के सदस्यों ने ‘‘मोदी..मोदी’’ और ‘‘भारत माता की जय’’ के नारे भी लगाए. पश्चिम बंगाल कोटे से मंत्रियों बाबुल सुप्रियो और देबश्री चौधरी के नाम शपथ के लिए पुकारे जाने के बाद बीजेपी सदस्यों ने ‘जयश्री राम’ के नारे लगाए. बता दें कि पिछले दिनों पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के सामने कुछ बीजेपी कार्यकर्ताओं ने ‘जय श्रीराम‘ के नारे लगाए थे जिस पर उन्होंने नाराजगी जताई थी.
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