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श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की पहली औपचारिक बैठक में महंत नृत्यगोपाल दास को अध्यक्ष नामित किया गया है. पीएम मोदी के पूर्व प्रधान सचिव नृपेंद्र मिश्रा को चेयरमैन नियुक्त किया गया है. वहीं VHP नेता चंपत राय को महासचिव और गोविंद देव गिरी को ट्रस्ट का कोषाध्यक्ष चुना गया है.
राम मंदिर ट्रस्ट के नए अध्यक्ष बनाए गए नृत्यगोपाल दास ने कहा है कि हिंदू परिषद के मॉडल पर ही राम मंदिर का निर्माण होगा, लेकिन उसके प्रारूप में थोड़ा विस्तार जरूर किया जाएगा. मंदिर के लंबाई और चौड़ाई में उसकी भव्यता को देखते हुए थोड़ा बदलाव करने की गुंजाइश बनी हुई है.
हालांकि उन्होंने साफ किया कि अलग से निर्माण कमेटी बना दी गई है, जो नृपेंद्र मिश्रा की देखरेख में काम करेगी. महंत के मुताबिक, इस कमेटी का काम यह है कि मंदिर निर्माण के लिए क्या-क्या काम किए हैं, उस पर विचार करना.
राम जन्मभूमि ट्रस्ट की पहली बैठक बुधवार को हुई. बैठक में 9 प्रस्ताव पारित किए गए. बैठक 15 दिन के बाद फिर अयोध्या में होगी. बैठक में तय किया गया है कि अयोध्या में एसबीआई बैंक में एक जॉइंट एकाउंट खोला जाएगा.
दिल्ली की चार्टर्ड अकाउंटेंट फर्म बी. शंकर अय्यर कंपनी, जो रंजीत नगर के नाम से रजिस्टर्ड है, को यह फैसला लेने का जिम्मा सौंपा गया है कि चंदा किस रूप में लिया जाए. यह भी तय किया गया है कि स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की अयोध्या शाखा में एक ज्वाइंट अकाउंट खोला जाए जिन पर गोविंद मिश्र, चंपत राय और अनिल कुमार मिश्र तीनों के हस्ताक्षर हों.
अब निर्माण समिति की बैठक में तय होगा कि निर्माण कब शुरू होगा. राम मंदिर निर्माण की प्रक्रिया शुरू किए जाने को लेकर नृत्यगोपाल दास ने कहा कि इस पर विचार अगली बैठक में तय होगा, लेकिन इतना जरूर कहा कि रामनवमी के दिन मंदिर निर्माण की प्रक्रिया शुरू नहीं होगी।
इसके पहले, वैष्णव वैरागी अखाड़ों की निर्वाणी अणी के महंत और अयोध्या में हनुमानगढ़ी के महंत धर्मदास भी ट्रस्ट की बैठक के दौरान पहुंच गए, लेकिन उन्हें बैठक में शामिल नहीं किया गया. उन्हें बैठक कक्ष के बाहर ही एक अन्य कमरे में बैठा दिया गया. महंत धर्मदास काफी समय से ट्रस्ट में शामिल किए जाने की मांग कर रहे थे. वह राम मंदिर का पुजारी बनना चाहते हैं.
सूत्रों के मुताबिक, उन्होंने ट्रस्ट में शामिल न किए जाने, रामलला की सेवा और पूजा का अधिकार न दिए जाने की सूरत में अदालत का दरवाजा खटखटाने की बात कही है.
बता दें, अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए पीएम नरेंद्र मोदी ने श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का ऐलान किया था. ट्रस्ट की घोषणा के बाद ट्रस्टियों के नाम भी घोषित कर दिए गए थे. श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट में 15 ट्रस्टी हैं, जिसमें से एक ट्रस्टी दलित समाज से है.
सरकार ने मंदिर के लिए जिस 67 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया था वह पूरी तरह से राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को सौंप दी जाएगी. राम मंदिर के निर्माण के बाद इस जमीन की दिव्यता और भव्यता और बढ़ जाएगी. वाराणसी में पीएम नरेंद्र मोदी ने इसका ऐलान करते हुए कहा था कि हाल में बने राम मंदिर निर्माण ट्रस्ट को यह जमीन जल्द ही सौंप दी जाएगी ताकि राम जन्मस्थल पर भव्य मंदिर बन सके.
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