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देश की सबसे बड़ी पंचायत संसद (Sansad) 19 सितंबर 2023 को आजादी के 75 सालों बाद एक नए दौर में प्रवेश कर जाएगी. आज से देश की संसदीय कार्यवाही नए संसद भवन में होगी. कल 18 सितंबर से शुरू हुए पांच दिवसीय संसद का विशेष सत्र का आज दूसरा दिन है. नए संसद भवन का उद्घाटन 28 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने किया था. 17 सितंबर को उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने यहां ध्वजारोहण किया था.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संविधान की एक प्रति लेकर पैदल पुराने संसद भवन से नए संसद भवन तक जाएंगे. उनके पीछे लोकसभा और राज्यसभा के सभी सांसद जाएंगे. इसके बाद नई संसद में बने अपने-अपने चैंबर में मिलेंगे. नई संसद में प्रवेश करने से पहले पुराने संसद भवन के सेंट्रल हॉल के सामने सबसे पहले एक फोटो सेशन होगा.
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, झामुमो नेता शिबू सोरेन और बीजेपी सांसद मेनका गांधी को वरिष्ठतम सांसदों के रूप में संसद के सेंट्रल हॉल में विशेष समारोह को संबोधित करने के लिए आमंत्रित किया गया है.
दिल्ली के रायसीना हिल इलाके में बना मौजूदा संसद भवन अपने आप ऐतिहासिक है. यह संसद भवन अब से लगभग 96 साल पहले 1927 में बनकर तैयार हुआ था. देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने 14-15 अगस्त 1947 की मध्य रात्रि यहां पर भाषण दिया था.
सेंट्रल दिल्ली के रायसीना हिल इलाके में बना पुराना संसद भवन लगभग 6 एकड़ में फैला हुआ है. पुराना संसद भवन एक गोलाकार इमारत की तरह बना हुआ है. इसको ब्रिटिश आर्किटेक्ट सर हरबर्ट बेकन और सर एडविन लुटियंस द्वारा डिजाइन किया गया था.
नए संसद भवन में शिफ्ट होने के बाद पुरानी इमारत को संरक्षित किया जाएगा क्योंकि यह देश की पुरातात्विक संपत्ति है. इस पुराने संसद ने देश की आजादी के संघर्ष से लेकर देश के उत्थान तक का दौरा देखा है.
नए संसद भवन का उद्घाटन पीएम नरेंद्र मोदी ने 28 मई को किया था. नए संसद भवन के लोकसभा में 888 सदस्य बैठ सकते है वहीं राज्यसभा में 300 सदस्य बैठ सकते हैं. दोनों सदनों की संयुक्त बैठक के लिए लोकसभा कक्ष में 1,280 सांसदों के लिए जगह बनाई गई है.
नया संसद भवन 64,500 वर्ग मीटर एरिया में ये त्रिकोणीय आकार के रूप में बना है. नया संसद भवन की इमारत चार मंजिला की है. बताया यह भी जा रहा है कि भूकंप का इस बिल्डिंग पर कोई असर नहीं होगा.
नए संसद भवन के तीन मुख्य द्वार बनाए गए है जिनके नाम ज्ञान द्वार, शक्ति द्वार और कर्म द्वार है. इन मुख्य द्वार का उपराष्ट्रपति, स्पीकर और प्रधानमंत्री इस्तेमाल करेंगे. इसके अलावा सांसदों और अन्य वीआईपी के लिए अगल गेट बनाए गए हैं.
नए संसद भवन के निर्माण में मंदिरों और धर्मग्रंथों से प्रेरणा ली गई है. इसमें एक दीवार है जन जननी जन्मभूमि जिसे कलाकारों द्वारा चित्रित किया गया है. संगीत, शिल्प और वास्तुकला को प्रदर्शित करने के लिए तीन गैलरी भी हैं. नए संसद भवन की इमारत देशभर के कारीगरों और मूर्तिकारों के योगदान के साथ देश की गौरवशाली विरासत को प्रदर्शित करती है.