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“इस मोड़ पर ना घबरा कर थम जाइये आप
जो बात नई है उसे अपनाइए आप
डरते हैं नई राह पर चलने से क्यों
हम आगे-आगे चलते हैं आइए आप ”
ये किसी मुशायरे के दौरान फरमाई गई शायरी नहीं, बल्कि बजट पेश करने की शुरुआत के कुछ शब्द हैं. जी हां! वित्तमंत्री अरुण जेटली ने सदन में बजट पेश करने के दौरान इन चार पंक्तियों के जरिए माहौल को हल्का बनाया.
दरअसल, मंगलवार को सांसद ई अहमद के निधन की वजह से बजट पेशी को 1 दिन टालने की मांग की जा रही थी. पेशी से पहले कांग्रेस सहित विपक्ष ने सदन में शोर मचाना शुरू कर दिया.
इस बीच जेटली ने ये शायरी सुना बजट पेश करने की प्रक्रिया शुरू की.
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