advertisement
सोमवार शाम तक महाराष्ट्र, केरल, उत्तर प्रदेश और कर्नाटक में जितने भी मरीज कोरोनावायरस संक्रमित पाए गए, उनमें 53.97 फीसदी विदेश से लौटे थे. लेकिन इन संक्रमित लोगों में से 67.22 फीसदी मरीज यानी हर तीन में से दो ईरान को छोड़ कर दूसरे खाड़ी देशों से आए थे. इंडियन एक्सप्रेस ने आंकड़ों के विश्लेषण के बाद अपनी एक रिपोर्ट में इसका खुलासा किया है.
इसकी एक वजह यह हो सकती है कि खाड़ी देशों से यात्रियों के आने पर बैन सरकार की ओर से जारी की गई पहली एडवाइजरी के दो महीने बाद लगाया गया. (कोरोनावायरस फैलने के बाद 17 जनवरी) . उस दौरान सिर्फ चीन की यात्रा न करने की एडवाइजरी जारी की गई थी.
इंडियन एक्सप्रेस के विश्लेषण से पता चलता है कि महाराष्ट्र, केरल, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, तेलंगाना, गुजरात,राजस्थान, तमिलनाडु, पंजाब और पश्चिम बंगाल यानी इन दस राज्यों में कोरोना पॉजीटिव के जितने भी केस मिले, उनकी ट्रैवल हिस्ट्री विदेश की थी.
पहली एडवाइजरी के बाद सरकार ने और आठ एडवाइजरी जारी की. इनमें चीनी यात्रियों के वीजा खारिज करने, ईरान की यात्रा की मनाही, इटली और साउथ कोरिया के यात्रियों की स्क्रीनिंग, ईरान, इटली, जापान, चीन और साउथ कोरिया के ई-वीजा समेत सारे वीजा रद्द करने से जुड़े निर्देश थे. चीन, इटली, थाईलैंड, ईरान, फ्रांस, स्पेन और जर्मनी से आए यात्रियों के 14 दिनों के होम क्वॉरन्टीन का भी निर्देश था.
सरकार ने बहुत बाद में यानी 16 मार्च को जाकर यूएई, कतर, ओमान और कुवैत से आने वाली यात्रियों को क्वॉरन्टीन करने के निर्देश दिए. उसी दिन ईयू, टर्की और यूके से आने वाले यात्रियों को भी बैन किया गया.22 मार्च को सारे इंटरनेशनल फ्लाइट कैंसिल कर दिए गए.
ईरान को छोड़ कर बाकी खाड़ी देशों में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या काफी कम थी. शायद इसलिए भी सरकार इस क्षेत्र से आने वाले यात्रियों को नहीं रोका. जबकि खाड़ी देश खास कर यूएई और कतर भारत और दूसरे पश्चिम देशों के लिए बड़े ट्रांजिट एयरपोर्ट हैं. यहीं से यूरोप, अफ्रीका, नॉर्थ और साउथ अमेरिका भी जाते हैं.
भारत, चीन, साउथ ईस्ट ऐशिया और यूरोप जाकर वहां से आने वाले भारतीय यात्रियों को रोकने पर फोकस करता रहा और इधर ज्यादातर खाड़ी देशों से आने वाले भारतीय और अन्य यात्रियों से यहां कोरोना संक्रमण आ गया. एक राज्य के स्वास्थ्य अधिकारी ने कहा कि अगर शुरू मे हम मीडिल ईस्ट जाकर यहां आने वाले या वहां से आने वाले यात्रियों को रोकते तो शायद ज्यादा अच्छी स्थिति में होते.
ये भी पढ़ें : तबलीगी जमात के 24 लोगों को कोरोना, 860 लोग अस्पताल में
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)