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मंगलवार को जारी सरकारी आंकड़ों के मुताबिक अक्टूबर के महीने में प्याज की कीमत पिछले साल के इसी महीने की तुलना में 127 फीसदी बढ़ी है. इसी महीने सारी सब्जियों की कीमत में 37 फीसदी का इजाफा हुआ है.
इसी वजह से होलसेल कीमत में अक्टूबर के महीने में 3.59 परसेंट का इजाफा हुआ जो छह महीने के सबसे ऊंचे स्तर पर है. ध्यान रहे कि अगले महीने रिजर्व बैंक की तिमाही बैठक है जहां ब्याज दर पर फैसला होना है.
अक्टूबर महीने में खुदरा महंगाई दर सात महीने में सबसे अधिक हो गई है. सीएसओ के अनुसार, खाद्य वस्तुओं की कैटेगरी में महंगाई दर अक्टूबर में बढ़कर 1.9 प्रतिशत हो गई. ये सितंबर में 1.25 प्रतिशत थी. सब्जी की महंगाई दर दोगुनी होकर 7.47 प्रतिशत हो गयी जो सितंबर में 3.92 प्रतिशत थी.
महंगाई की बढ़ोतरी में डीजल-पेट्रोल की बढ़ती कीमत ने भी भूमिका निभाई है. अक्टूबर में इसकी कीमत में करीब 11 परसेंट का इजाफा हुआ.
गौरतलब है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत में पिछले कुछ हफ्तों से लगातार तेजी है. ये ट्रेंड अगर आगे भी जारी रहा तो डीजल-पेट्रोल की कीमत और तेजी से बढ़ सकती है. इसका सीधा असर महंगाई दर पर पड़ना तय है.
फिलहाल, बढ़ती महंगाई को देखते हुए अनुमान लगाया जा रहा है कि ब्याज दर में कटौती की उम्मीद काफी कम है. पिछले कई महीने से रिजर्व बैंक पर ब्याज दर घटाने का दबाव रहा है. लेकिन होलसेल और खुदरा कीमतों में तेजी के ट्रेंड को देखते हुए ये लग रहा है कि ब्याज दर में कटौती फिलहाल संभव नहीं होगी.
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