advertisement
सुषमा स्वराज अब हमारे बीच नहीं रही, लेकिन मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में बतौर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने जिस तरह काम किया, उस वजह से उन्हें आने वाले वक्त में हमेशा याद किया जाएगा. विदेश मंत्री रहते हुए 5 साल में सुषमा स्वराज ने दुनिया भर के 186 देशों में मौजूद 90,000 से ज्यादा भारतीयों की मदद की.
काम करने के अपने तेज-तर्रार अंदाज से सुषमा स्वराज ने मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में विदेश मंत्रालय की छवि बदलकर रख दी. जंग और संघर्ष वाले क्षेत्रों से बड़े पैमाने पर भारतीयों को सुरक्षित निकालने में सुषमा स्वराज के योगदान का कोई सानी नहीं.
सुषमा ने पाकिस्तान में जबरन शादी का शिकार हुईं भारतीय लड़की उजमा अहमद को वापस लाने में मदद की थी. दिल्ली की रहने वाली 20 साल की उजमा और पाकिस्तानी नागरिक ताहिर मलेशिया में मिले थे और वहीं उनमें प्यार हो गया. उजमा का कहना था कि पाकिस्तान जाने से पहले उन्हें ये बात नहीं मालूम थी कि ताहिर शादी-शुदा है और उसके चार बच्चे भी हैं. उजमा को बंदूक की नोक पर शादी के लिए मजबूर किया गया.
ये तस्वीर 22 जनवरी 2010 की जब सुषमा स्वराज बाल ठाकरे से मिलने मुंबई में उनके घर पहुंचीं थीं.
सुषमा स्वराज की ये तस्वीर 7 फरवरी 2016 की है, जब इराक में फंसे भारतीयों के परिवारवाले सुषमा स्वराज से मिलने दिल्ली पहुंचे थे.
एक पाकिस्तानी बच्च रमजान जब गलती से भारत आ गया तो खुद सुषमा ने आगे बढ़कर उसकी मदद की.
जब सुनने और बोलने में असमर्थ गीता नाम की एक भारतीय लड़की की खबर मीडिया में आयी, जो पाकिस्तान में फंसी हुई थी, तो स्वराज ने उसे भारत वापस लाने और उसे उसके परिजनों को सौंपने के लिए कोशिशें की.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)