मेंबर्स के लिए
lock close icon
Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019India Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019UP: 104 पूर्व IAS अफसरों की ‘लव जिहाद’ कानून के खिलाफ CM को चिट्ठी

UP: 104 पूर्व IAS अफसरों की ‘लव जिहाद’ कानून के खिलाफ CM को चिट्ठी

अधिकारी बोले-जो स्वतंत्र देश के नागरिक के तौर पर अपना जीवन जीना चाह रहे हैं, उनके खिलाफ आपके प्रशासन ने किए अत्याचार

क्विंट हिंदी
भारत
Updated:
(फोटो: क्विंट हिंदी)
i
null
(फोटो: क्विंट हिंदी)

advertisement

उत्तर प्रदेश सरकार के लव जिहाद कानून को लेकर अब विरोध तेज हो रहा है. पिछले कुछ दिनों में कई ऐसे मामले सामने आए हैं, जिनमें इस कानून के तहत निर्दोषों को परेशान किया गया. अब लव जिहाद को लेकर बनाए गए इस कानून पर 104 पूर्व आईएएस अधिकारियों ने सीएम योगी आदित्यनाथ को चिट्ठी लिखी है. जिसमें इस कानून का विरोध किया गया है. खास बात ये है कि इनमें पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार शिवशंकर मेनन, पूर्व विदेश सचिव निरुपमा राव और प्रधानमंत्री के पूर्व एडवाइजर टीकीए नायर जैसे लोग शामिल हैं.

चिट्ठी में मुरादाबाद केस का जिक्र

इन तमाम पूर्व आईएएस अधिकारियों ने सीएम योगी को लिखी इस चिट्ठी में कानून के लिए अपनी चिंता जाहिर की है. इसमें कहा गया है कि, आपके प्रशासन द्वारा उत्तर प्रदेश में भारतीय युवाओं के खिलाफ किए गए अत्याचारों की लंबी लिस्ट है. वो भारतीय जो सिर्फ एक स्वतंत्र देश के नागरिक के तौर पर अपना जीवन जीना चाह रहे हैं.

पूर्व अधिकारियों के हस्ताक्षरों वाली इस चिट्ठी में यूपी में लव जिहाद पर बनाए गए कानून के गलत इस्तेमाल के मामलों का उदाहरण दिया गया है.

कुछ दिनों पहले यूपी के मुरादाबाद का मामला भी इसमें शामिल है. जिसमें बजरंग दल के कुछ लोगों ने एक जोड़े को रजिस्ट्रार ऑफिस से पकड़ा था और पुलिस को ये बोलकर सौंप दिया था कि मुस्लिम युवक ने युवती से धर्म परिवर्तन के लिए शादी की है. पुलिस ने इस मामले में युवक और उसके भाई को गिरफ्तार कर लिया था.
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

इस चिट्ठी में कहा गया है कि पुलिस ने इस मामले में जो कार्रवाई की है वो माफी के लायक भी नहीं है. एक संगठन के लोगों ने इस कपल को प्रताड़ित किया और गलत तरीके से उनसे पूछताछ की, फिर भी पुलिस मूकदर्शक बनी रही. पीड़ित युवती को गर्भपात का भी सामना करना पड़ा. कपल को पकड़ने वाले लोगों से युवक ने पहले ही कहा था कि उसकी पत्नी गर्भवती है, लेकिन फिर भी सख्ती से पेश आए.

कानून का इस्तेमाल एक लाठी की तरह

इन बड़े पूर्व आईएएस अधिकारियों की चिट्ठी में आगे कहा गया है कि कानून का पालन करने के लिए देश के लोगों के गुस्से की परवाह किए बिना लगातार ये अत्याचार जारी हैं. इस कानून का इस्तेमाल एक लाठी के तौर पर किया जा रहा है, जिससे खासतौर पर उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है, जो मुस्लिम लड़का और हिंदू लड़की हैं और अपनी आजादी से अपना पार्टनर चुनने का साहस करते हैं.

ठीक ऐसी ही एक टिप्पणी हाल ही में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भी की थी. जिसमें कोर्ट ने कहा था कि, किसी भी अंतर्रजातीय जोड़े में भी महिला का बालिग होना जरूरी है और उसे अपनी शर्तों पर अपना जीवन जीने का पूरा अधिकार है. इसके अलावा पिछले महीने कोर्ट ने एक ऐसा ही मामले में कहा था कि किसी की पर्सनल लाइफ में हस्तक्षेप करना उन दोनों की फ्रीडम ऑफ चॉइस पर एक गंभीर अतिक्रमण की तरह होगा.

पूर्व आईएएस अधिकारियों ने इस बात का भी जिक्र किया है और कहा है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट समेत कई कोर्ट ने इस बात पर जोर दिया है कि अपने जीवन साथी को चुनना भी एक मौलिक अधिकार है. जो संविधान के अंतर्गत आता है. लेकिन यूपी में संविधान की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

अनलॉक करने के लिए मेंबर बनें
  • साइट पर सभी पेड कंटेंट का एक्सेस
  • क्विंट पर बिना ऐड के सबकुछ पढ़ें
  • स्पेशल प्रोजेक्ट का सबसे पहला प्रीव्यू
आगे बढ़ें

Published: 29 Dec 2020,09:47 PM IST

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT