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नागपुर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के कार्यक्रम में जाने पर मचे विवाद के बीच पहली बार पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने चुप्पी तोड़ी है. एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि इस बारे में कई लोगों ने पूछा, लेकिन मैं जवाब नागपुर में दूंगा. उन्होंने कहा कि वे संघ के कार्यक्रम में जाने पर अभी कुछ भी नहीं कहना चाहते हैं.
उन्होंने बंगाली भाषी अखबार आनंद बाजार पत्रिका को शनिवार को दिए इंटरव्यू में कहा...
बता दें कि पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी अगले महीने नागपुर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के एक प्रोग्राम में शिरकत करने वाले हैं.
वहीं RSS के कार्यक्रम में प्रणब मुखर्जी के बतौर मुख्य अतिथि शामिल होने का निमंत्रण स्वीकार करने के मुद्दे पर बहस छिड़ गई है. कांग्रेस के कई सीनियर लीडर जिनमें जयराम रमेश, सी के जाफर शरीफ, रमेश चेन्निथला शामिल हैं, उन्होंने मुखर्जी के RSS का निमंत्रण मंजूर किए जाने को लेकर सवाल खड़े किए हैं. कांग्रेस के नेताओं ने प्रणब मुखर्जी के फैसले को ‘‘ धर्मनिरपेक्षता के हित'' में वापस लेने का आग्रह किया है. जयराम रमेश ने कहा, मैंने पूर्व राष्ट्रपति को लिखा कि उन जैसे विद्वान और सेक्युलर व्यक्ति को आरएसएस के साथ किसी तरह की नजदीकी नहीं दिखानी चाहिए.
हालांकि, कांग्रेस नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने कहा,
वहीं इस विवाद पर बीजेपी नेता नितिन गडकरी ने कहा, 'मुखर्जी का RSS का आमंत्रण स्वीकार करना एक अच्छी पहल है. राजनीतिक छुआछूत अच्छी बात नहीं है.' ऐसे में अब सबकी निगाहें 7 जून को होने वाले कार्यक्रम में पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी क्या बोलेंगे इसपर टिकीं हैं.
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