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यूपी के बांदा जिले के महोबा में 43 लोगों के खिलाफ हिंदुओं की भावनाओं को आहत करने के मामले में केस दर्ज हुआ है. ये मामला तब सामने आया जब शेख पीर बाबा के 'उर्स' के दौरान सामुदायिक भोज में हिंदुओं ने खाने में नॉन वेज बिरयानी परोसने का आरोप लगाया. महोबा के चरखारी इलाके के सलाट गांव में 31 अगस्त को ये भोज आयोजित किया गया था.
इस मामले में बीजेपी विधायक बृजभूषण राजपूत के हस्तक्षेप के बाद एफआईआर दर्ज की गई. विधायक मंगलवार को गांव में आए थे और गांव वालों ने उनको इस मामले के बारे में बताया. विधायक बृजभूषण राजपूत ने कहा, ‘‘बिरयानी जानबूझकर हिंदुओं की भावनाओं को आहत करने के लिए परोसा गया था. इस मामले में कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए.’’
एसपी स्वामीनाथ ने कहा कि ये सच नहीं है कि लोगों ने जानबूझकर नॉन वेज बिरयानी परोसी गई. ''इस मामले में जांच जारी है. अभी को गिरफ्तारी नहीं हुई है.’’
एसपी के मुताबिक दोनों समुदायों के बीच तनाव बढ़ रहा है इसके बाद इलाके में पुलिस की तैनाती बढ़ा दी गई है. इस मामले में 23 मुसलमान नामजद हैं और 20 अज्ञात मुसलमानों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है. मीडिया रिपोर्ट्स, के मुताबिक ये उर्स हर 6 साल बाद मनाया जाता है. इस जलसे में जो समुदायिक भोज रखवाया गया था उसमें वेज और नॉन वेज दोनों तरह का भोजन था और अपनी मर्जी से सब खाना खा रहे थे. प
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक पप्पू अंसारी नाम के शख्स ने मन्नत मानी थी कि उसका भतीजा बीमारी से ठीक हो जाएगा तो वो इस भोज में बिरयानी खिलाएगा. गांव के लोगों ने मुसलमानों पर आरोप लगाते हुए कहा कि पंचायत कराई कि धार्मिक शुद्धिकरण के लिए 50 हजार वसूलने और पूरे गांव को शाकाहारी भोजन कराने की मांग रखी. दबाव बनने के बाद मौके पर पुलिस पहुंची और दोनों पक्षों के बीच राजीनामा करा दिया. स्थानीय पुलिस के मुताबिक मामला तब बढ़ा जब बीजेपी विधायक ने गांववालों से केस करने के लिए कहा.
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