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फ्रांस के राष्ट्रपति इमानुएल मैक्रों शुक्रवार को 4 दिन की भारत यात्रा पर पहुंचे. पीएम मोदी ने एयरपोर्ट पहुंचकर मैक्रों का स्वागत किया. उनकी इस यात्रा के दौरान दोनों देश कई क्षेत्रों, खासतौर से समुद्री सुरक्षा और आतंकवाद से निपटने के जैसे मुद्दे पर बातचीत करेंगे. सूत्रों के मुताबिक, इस दौरान फ्रांस के सहयोग से बन रहे जैतापुर (महाराष्ट्र) परमाणु बिजली संयंत्र को लेकर भी समझौता होने की उम्मीद है.
प्रधानमंत्री मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों के बीच शनिवार को प्रतिनिधि स्तर की बातचीत होगी. इस मौके पर हिंद महासागर में सहयोग बढ़ाने के मुद्दे को प्राथमिकता से रखा जा सकता है. ज्वाइंट सेक्रेटरी नागराज नायडू ने बताया कि फ्रांस खासतौर से दक्षिण एशिया में आतंकवाद को लेकर भारत के नजरिए का समर्थन करता है. उन्होंने कहा, हम नये क्षेत्रों खासकर समुद्री सुरक्षा, 'आतंकवाद से बचने के उपाय और अक्षय ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में दोनों की बढ़ती सहमति देख रहे हैं'
इसके अलावा भारत और फ्रांस के बीच रणनीतिक भागीदारी में रक्षा, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष के क्षेत्र में सहयोग का मामला शामिल हैं. भारत और फ्रांस के बीच अंतरिक्ष के क्षेत्र में सहयोग 5 दशक से भी पुराना है. परंपरागत क्षेत्रों के अलावा अक्षय ऊर्जा, हाई स्पीड ट्रेन और व्यापार में सहयोग बढ़ाने पर भी जोर होगा. मोदी के साथ शनिवार को मैक्रों छात्रों के साथ एक खुली चर्चा में शामिल होंगे. इसमें कई स्तर के करीब 300 छात्रों के भाग लेने की उम्मीद है. उसी दिन वह‘ज्ञान सम्मेलन ' में भी भाग लेंगे. इसमें दोनों देशों के 200 से अधिक एकेडमिक एक्सपर्ट शामिल होंगे.
इस यात्रा के दौरान राष्ट्रपति मैक्रों इंटरनेशनल सोलर एलायंस ( ISA) के शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे. ISA भारत और फ्रांस का ज्वाइंट मिशन है. ISA शिखर सम्मेलन में कई देशों और सरकार के प्रमुखों के शामिल होने की संभावना हैं इसमें ठोस परियोजनाओं पर जोर दिये जाने का अनुमान. मैक्रों ताज महल भी देखने जाएंगे. राष्ट्रपति मैक्रों 12 मार्च को पीएम के संसदीय क्षेत्र वाराणसी जाएंगे. प्रधानमंत्री के साथ ही वो उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर में सोलर प्लांट का उद्घाटन करेंगे.
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