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फ्री पैड की मांग पर IAS बोली-कल कंडोम मांगोगी? स्कॉटलैंड से केन्या तक ऐसी योजना

बिहार में स्कूली छात्रा ने IAS से पूछा था- “क्या सरकार ₹20-30 की आने वाला सेनेटरी पैड दे नहीं सकती है?”

आशुतोष कुमार सिंह
भारत
Published:
<div class="paragraphs"><p>फ्री पैड की मांग पर IAS बोली-कल कंडोम मांगोगी? स्कॉटलैंड से केन्या तक ऐसी योजना</p></div>
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फ्री पैड की मांग पर IAS बोली-कल कंडोम मांगोगी? स्कॉटलैंड से केन्या तक ऐसी योजना

(फोटो- क्विंट)

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Free Period Product Countries: स्थान बिहार और मंच था महिला विकास निगम और समाज कल्याण विभाग की तरफ से आयोजित 'सशक्त बेटी- समृद्ध बिहार' विषय पर सेमिनार का. यहां स्कूल की एक छात्रा ने सवाल किया कि “क्या सरकार ₹ 20-30 में सेनेटरी पैड नहीं दे सकती है?”. इस सवाल पर महिला विकास निगम की एमडी और IAS अधिकारी हरजोत कौर का जवाब शर्मसार करने वाला था. उन्होंने कहा कि "कल तुम जींस मांगोगी, उसके बाद सुंदर जूते मांगोगी और अंत में परिवार नियोजन के लिए निरोध (कॉन्डम) भी मुफ्त में देना पड़ेगा?". सशक्त बेटी में अपनी समृद्ध खोजते बिहार में जब बेटियों के जायज सवाल पर सरकार की आला अधिकारी के बोल चौंकाते हैं. हम आपको बताते हैं दुनिया के ऐसे देश और क्षेत्र जहां सरकार मुफ्त में सेनेटरी पैड देती है.

स्कॉटलैंड: पीरियड प्रोडक्ट्स को फ्री बनाने वाला पहला देश

नवंबर 2020 में, स्कॉटलैंड की संसद में 'द पीरियड प्रोडक्ट्स (फ्री प्रोविजन) (स्कॉटलैंड) बिल' पारित किया. यह बिल 12 जनवरी, 2021 को कानून बन गया. इसके साथ ही स्कॉटलैंड दुनिया का पहला ऐसा देश बन गया जिसने अपनी सभी जनता के लिए पीरियड प्रोडक्ट्स फ्री कर दिए. यानी अब स्कॉटलैंड की सरकार का यह कानूनी कर्तव्य है कि वो हर उस व्यक्ति को टैम्पोन और सैनिटरी पैड जैसी मुफ्त वस्तुएं प्रदान करें, जिसे उनकी आवश्यकता है.

न्यूजीलैंड 

पीरियड पोवर्टी* को खत्म करने और स्कूल में लड़कियों की उपस्थिति बढ़ाने के प्रयास में, न्यूजीलैंड की प्रधान मंत्री जैसिंडा अर्डर्न ने फरवरी 2021 में घोषणा की कि वह देश के सभी स्कूल जून 2021 से अगले तीन साल के लिए मुफ्त टैम्पोन और सैनिटरी पैड देना शुरू करेंगे. न्यूज एजेंसी रायटर्स की रिपोर्ट के अनुसार सरकार को 2024 तक इस योजना पर NZ$25 मिलियन ($17.96 मिलियन) का खर्च आएगा. इससे पहले यहां कि सरकार ने छह महीने का पायलट कार्यक्रम देश के वाइकाटो क्षेत्र के 15 स्कूलों में शुरू किया था.

*जब महिलाएं या लड़कियां पैड और टैम्पोन जैसे पीरियड प्रोडक्ट्स को खरीदने में असमर्थ होती हैं, तब उस स्थिति को पीरियड पोवर्टी कहते हैं. इसकी वजह से वे स्कूल या काम पर नहीं जा पाती या घर के अंदर में उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ता है. अधिकतर मामले में उन्हें सेनेटरी पैड की गैरमौजूदगी में ऐसी चीजों का प्रयोग करना पड़ता है, जो उनके स्वास्थ्य के लिए बेहद ही खरतनाक होती हैं.

ऑस्ट्रेलिया

2018 में ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने सभी सरकारी स्कूलों में मुफ्त पैड और टैम्पोन देने की योजना की घोषणा की. विक्टोरिया 2020 में इस योजना को लागू करने वाला पहला ऑस्ट्रेलियाई राज्य बन गया. साउथ ऑस्ट्रेलिया, द नॉर्दन टेरिटरी और तस्मानिया ने 2021 में इसको लागू किया. न्यू साउथ वेल्स और क्वींसलैंड के सरकारी स्कूलों ने सफल परीक्षणों के बाद 2022 में मुफ्त टैम्पोन और सैनिटरी पैड देना शुरू किया.

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केन्या 

ग्लोबल सिटीजन की रिपोर्ट के अनुसार "टैम्पोन टैक्स" को खत्म करने वाला दुनिया का पहला देश बनने के बाद, केन्या की सरकार ने अप्रैल 2018 में सरकारी स्कूलों में लड़कियों को मुफ्त सैनिटरी पैड बांटना शुरू किया. इस योजना को शुरू करने का निर्णय इस मुद्दे पर दो साल की संसदीय बहस के बाद आया.

ब्रिटेन और US के राज्यों में 

ब्रिटेन सरकार ने पीरियड पोवर्टी टास्कफोर्स बनाया है, जिसका प्राथमिक उद्देश्य पीरियड से जुड़ी जागरूकता बढ़ाना और टैबू से निपटना है. यह टास्कफोर्स पैड और टैम्पोन जैसे पीरियड प्रोडक्ट तक सबकी पहुंच में भी सुधार करना चाहता है. बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार जनवरी 2020 में इंग्लैंड के सभी प्राइमरी और सेकेंडरी स्कूलों में फ्री पीरियड उत्पाद देने की योजना शुरू किए गए थे.

दर्जनों अमेरिकी राज्यों ने स्कूलों में पैड और टैम्पोन जैसे पीरियड प्रोडक्ट मुफ्त में उपलब्ध कराने के लिए कानून पारित किया है.

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