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केरल में बाढ़ से बुरा हाल है. केंद्र सरकार ने बाढ़ की स्थितियों से उबरने के लिए केरल को 500 करोड़ रुपये की मदद दी है, जबकि खाड़ी देश यूएई ने केरल के लिए 700 करोड़ रुपये की मदद की पेशकश कर दी है. इन बातों की खूब चर्चा हो रही है कि बाढ़ के बाद केरल को दोबारा पटरी पर लाने के लिए खाड़ी देशों ने दिल और खजाना दोनों खोल दिए हैं.
2016 के केरल से हुए माइग्रेशन के सर्वे में बाहर काम करने गए लोगों की तादाद 22 लाख थी. इनमें से 90% आबादी खाड़ी देशों में थी. हालांकि ये सेंटर फॉर डेवलेपमेंट स्टडीज (सीडीएस) द्वारा साल 2014 में किए सर्वे से दो लाख कम है. तब ये तादाद 24 लाख तक पहुंच गई थी.
साल 2014 के सर्वे के मुताबिक, केरल के 6 में से 5 लोग खाड़ी देशों में काम कर रहे थे. इनमें से 37 फीसदी यूएई में और 22 फीसदी सऊदी अरब में रह रहे थे.
यूएई और केरल के बीच संबंध काफी पुराना है. केरल के अप्रशिक्षित कामगारों का आधुनिक यूएई बनाने में खास योगदान रहा है. लेकिन अब केवल मजदूरों के लिए ही नहीं, बल्कि यूएई के लिए केरल भी पसंदीदा टूरिस्ट डेस्टिनेशन है.
सीडीएस के एक अन्य सर्वे के मुताबिक, साल 2014 में यूएई में रह रहे केरल के लोगों ने करीब 71,000 करोड़ रुपये अपने घर भेजे थे.
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