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देश में कोरोना संकट के बीच पेट्रोल और डीजल के दाम लगातार बढ़ रहे हैं. विपक्षी दल लगातार तेल के बढ़ते दामों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं और सरकार से सवाल पूछ रहे हैं. इसका असर लगातार ट्रांसपोर्टेशन पर भी पड़ रहा है. उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले में तेल के इन बढ़ते दामों का ट्रक ड्राइवर्स पर असर पड़ता दिख रहा है. इसके अलावा यहां दूसरे ट्रांसपोर्टेशन के साधनों पर भी असर पड़ा है.
न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, एक ट्रांसपोर्ट कंपनी के मालिक ने अपना दर्द बयां करते हुए कहा,
कुछ ऐसा ही हाल उत्तराखंड के ट्रांसपोर्टर्स का भी है. यहां भी डीजल की बढ़ी हुई कीमतों का असर सीधे ड्राइवरों पर पड़ता नजर आ रहा है. यहां कुछ ट्रांसपोर्टर ऐसे भी हैं जिन्होंने पैसे की तंगी के चलते अपने ट्रक या अन्य वाहनों को सरेंडर करना शुरू कर दिया है. बताया गया है कि गढ़वाल डिविजन में करीब 380 बस और ट्रकों के आवेदन आए हैं, जिन्होंने अपील की है कि वो अपने वाहनों को सरेंडर करना चाहते हैं. कहा जा रहा है कि ये संख्या अभी और ज्यादा बढ़ सकती है.
उत्तराखंड रोडवेज को अपने सभी कर्मचारियों की सैलरी के लिए रोजाना 75 लाख रुपये चाहिए होते हैं. लेकिन पिछले दो दिनों में रोडवेज को सिर्फ 5 लाख 27 हजार रुपये ही रेवेन्यू मिला है.
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