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भारत और चीन के बीच चल रहे सीमा विवाद के बीच G20 सम्मेलन में पीएम मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने मुलाकात की. जिनपिंग ने इस दौरान भारत की तारीफ की है. उन्होंने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ भारत बेहतरीन काम कर रहा है, साथ ही BRICS (ब्राजील, रुस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका) में भारत के नेतृत्व की भी जिनपिंग ने तारीफ की है.
वहीं पीएम मोदी ने भी चीन की अध्यक्षता में BRICS की गतिशीलता की तारीफ की. मोदी ने बीजिंग की मेजबानी में होने जा रहे ब्रिक्स के आगामी शिखर सम्मेलन के लिए पूर्ण समर्थन देने की भी बात कही.
बता दें कि भारत की अध्यक्षता की अवधि पूरी होने के बाद चीन को ब्रिक्स की अध्यक्षता सौंपी गई है.
हिंदी में अपने संबोधन में पीएम मोदी ने ये भी कहा-
खास बात ये है कि सिक्किम सेक्टर में भारत-चीन के बीच सीमा विवाद बना हुआ है. लेकिन पीएम मोदी के बयान के तुरंत बाद बैठक का समापन करते हुए शी ने आतंकवाद के खिलाफ भारत के कड़े रुख, भारत की अध्यक्षता में ब्रिक्स में गतिशीलता और 2016 में हुए BRICS के गोवा शिखर सम्मेलन के नतीजों की तारीफ की.
भारत और चीन के बीच सिक्किम सेक्टर में पिछले 21 दिनों से विवाद जारी है. दरअसल, चीनी सेना के एक निर्माण दल का भूटान 'ट्राइजंक्शन' के पास डोक ला इलाके में सड़क बनाने के लिए आने के बाद ये विवाद शुरू हुआ. इस पूरे इलाके को भूटान डोकलाम के रूप में मान्यता देता है जबकि चीन इसे अपने डोंगलांग इलाके का हिस्सा बताता है.
इस तरह के निर्माण से भारत की सुरक्षा को लेकर गंभीर स्थिति पैदा हो जाएगी. वहीं चीन के राजदूत ने कहा कि नकारात्मक प्रभाव को कम करने के लिए भारत अपने सैनिकों को तत्काल वापस बुलाए, ये दोनों देशों के हितों से जुड़ा हुआ है.
विवाद की पूरी वजह यहां जानें: ‘डोकलाम’ आखिर भारत, चीन और भूटान के लिए क्यों है अहम?
इससे पहले शुक्रवार को शुरू हुए G-20 सम्मेलन में पीएम मोदी ने आतंकवाद पर जमकर हमला बोला है.
सम्मेलन के पहले दिन जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल ने विश्व नेताओं का स्वागत किया. भारत के पीएम मोदी के अलावा अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, रूस के राष्ट्रपति पुतिन, फ्रांस के राष्ट्रपति मैकरोन और चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग का मर्केल ने स्वागत किया.
जर्मनी के हैम्बर्ग में हो रहे समिट के विरोध में कुछ लोग लगातार उग्र प्रदर्शन कर रहे हैं. इनका दावा है कि उनका विरोध पूंजीवाद को लेकर है. गुरूवार रात से ही प्रदर्शनकारी लगातार आक्रामक हो रहे हैं. उन्होंने कई वाहनों में आग लगा दी. पब्लिक प्रापर्टी को नुकसान पहुंचाया.
हिंसक प्रदर्शनकारियों को काबू में करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज, वॉटर कैनन और आंसू गैस के गोलों को सहारा लेना पड़ा. इस कार्रवाई में 76 प्रदर्शनकारी घायल हो गए.
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