advertisement
भारत की मेजबानी में 10 सितंबर को G20 सम्मेलन (G20 Summit) का आखिरी दिन है. सम्मेलन के दूसरे दिन, वैश्विक लीडर्स के साथ बैठक के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने बताया "हमारे टीम के हार्ड वर्क से और आप सभी के सहयोग से नई दिल्ली जी20 लीडर्स घोषणा पत्र पर आम सहमति बनी है." G20 सम्मेलन को लेकर दुनिया के टॉप लीडर्स भारत में हैं, ऐसे में दुनिया की नजर भारत की मेजबानी और इस सम्मेलन में होने वाले फैसले पर टिकी है. ऐसे में चलिए जानते हैं कि विदेशी मीडिया ने G20 पर क्या खबर छापी?
द न्यूयॉर्क टाइम्स ने G20 डिक्लेरेशन में रूस की आलोचना नहीं करने को लेकर न्यूज छापी है. वेबसाइट ने लिखा' शनिवार शाम को नई दिल्ली में G-20 शिखर सम्मेलन में डिक्लेरेशन के दौरान यूक्रेन पर रूस के हमला करने पर चर्चा नहीं की गई बल्कि यूक्रेनी लोगों की "पीड़ा" पर शोक व्यक्त किया गया.
द वाशिंगटन पोस्ट ने भी G20 सम्मेलन में यूक्रेन-रूस पर नरम रवैया रखने और अपनाने का जिक्र किया है. वेबसाइट ने लिखा "राष्ट्रपति बाइडेन और कई अन्य वर्ल्ड लीडर्स ने शनिवार दोपहर एक नए रेल और शिपिंग गलियारे की योजना की घोषणा की, जो मध्य पूर्व के माध्यम से भारत और यूरोप को जोड़ेगा. ये एक महत्वाकांक्षी प्रस्ताव है. हालांकि, न्यूज वेबसाइट ने लिखा कि G20 सम्मेलन में यूक्रेन-रूस युद्ध का जिक्र करते हुए इसमें शामिल राष्ट्र नरम रवैये के साथ आम सहमति पर पहुंचे.
अलजजीरा ने G20 की खबर को अपने वेबसाइट पर प्रमुखता से छापी है. उसने पहली खबर G20 सम्मेलन में यूक्रेन-रूस युद्ध के मुद्दे के हावी होने को लेकर पब्लिश की है. अलजजीरा ने लिखा कि ग्लोबल लीडर्स एक सर्वसम्मत एजेंडे पर पहुंचे लेकिन यूक्रेन युद्ध पर उनका रवैया नरम रहा.
न्यूज वेबसाइट ने भारत को मध्य पूर्व, यूरोप से जोड़ने वाली ट्रांसपोर्ट प्रोजेक्ट लिंक के अनावरण की खबर भी लगाई है. उसने लिखा "नई दिल्ली में G20 शिखर सम्मेलन के मौके पर घोषित महत्वाकांक्षी रेल और शिपिंग परियोजना को चीन के आर्थिक दबदबे के लिए एक चुनौती के रूप में देखा जा रहा है.
पाकिस्तानी न्यूज वेबसाइट डॉन ने दिल्ली में हो रहे G20 में दूसरे दिन हुए समझौते पर फोकस किया है. डॉन ने अमेरिका, भारत, सऊदी, यूरोपीय संघ के G20 के मौके पर रेल, बंदरगाह समझौते का अनावरण करने की खबर छापी है.
न्यूज वेबसाइट ने लिखा...
न्यूज वेबसाइट ने लिखा कि ऋषि सुनक ने मीडिया से बातचीत में कहा "हम दोनों देशों की ओर से एक सफल व्यापार समझौते को संपन्न होते देखने की इच्छा है...लेकिन अभी भी काफी मेहनत बाकी है''
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)