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इजरायल यात्रा और जर्मनी में हुए G-20 शिखर सम्मेलन में शामिल होने के बाद पीएम मोदी हंबर्ग से दिल्ली के लिए रवाना हो चुके हैं. जर्मनी में हुए G-20 शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी ने यूरोपीय देशों के साथ मिलकर आतंकवाद के खात्मे को लेकर चर्चा की.
शिखर सम्मेलन में भारत की तरफ से पहुंचे नीती आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद पनगढिया ने मीडिया से बातचीत में कहा, ''भारत का G-20 शिखर सम्मेलन में आतंकवाद निरोध पर चर्चा में बड़ा प्रभाव रहा है और व्यापार एवं निवेश, पलायन और जलवायु परिवर्तन में भी उल्लेखनीय भूमिका निभाई है.''
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बागले ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की G-20 शिखर सम्मेलन में जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल समेत यूरोपीय नेताओं के साथ बातचीत में आतंकवाद निरोधक उपाय बातचीत के केंद्र में रही.
जर्मनी, फ्रांस, ब्रिटेन और स्वीडन जैसे यूरोपीय देशों में हाल में हुए आतंकवादी हमलों के मद्देनजर मोदी यूरोपीय नेताओं के साथ अपनी हाल की सभी बैठकों में आतंकवाद से लड़ने का मुद्दा उठाते रहे हैं.
मोदी G-20 शिखर सम्मेलन में 'लीडर्स रिट्रीट' में आतंकवाद के विषय पर मुख्य वक्ता थे. उन्होंने पाकिस्तानी आतंकवादी समूहों यथा लश्कर ए तैयबा और जैश ए मोहम्मद को आईएसआईएस और अलकायदा के साथ रखा था और अपने राजनैतिक लक्ष्यों के लिए आतंकवाद का समर्थन करने वाले देशों के खिलाफ वैश्विक प्रतिरोधक कार्वाई की जोरदार वकालत की. मोदी ने आतंकवाद का समर्थन करने वाले देशों के अधिकारियों के G-20 देशों में प्रवेश पर प्रतिबंध समेत आतंकवाद निरोध पर 11 सूत्री एक्शन प्लान पेश किया.
G-20 देशों के नेताओं के बीच शनिवार को दूसरे दिन भी हंबर्ग में शिखर वार्ता जारी रहने के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास बातचीत के लिये चलकर पहुंचे.
शिखर सम्मेलन में भारत की तरफ से शेरपा अरविंद पनगढिया ने दोनों नेताओं और अन्य की तस्वीरों के साथ संवाद के बारे में ट्वीट किया.
पनगढयिा ने अपने ट्वीट में लिखा, ''जी20 शिखर सम्मेलन में संवाद के दौरान अमेरिका के राष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री की ओर हाथ हिलाया, उनके पास आये. अन्य नेता वहां एकत्र हो गये. खूबसूरत लम्हा.''
पनगढयिा सरकारी थिंक टैंक नीति आयोग के उपाध्यक्ष भी हैं. वह नेताओं के घोषणापत्र के लिये बातचीत में भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं.
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