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केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि एक बार कर्ज नहीं चुका पाने वाले ‘विजय माल्याजी' को चोर कहना ठीक नहीं है. उन्होंने कहा कि संकट से जूझ रहे कारोबारी का चार दशक तक ठीक समय पर कर्ज चुकाने का रिकार्ड रहा है.
गडकरी ने हालांकि, स्पष्ट किया कि उनका माल्या के साथ किसी तरह का कारोबारी लेनदेन नहीं है. हाल ही में ब्रिटेन की एक अदालत ने माल्या को भारत को सौंपने का निर्देश दिया है. विजय माल्या पर कथित रूप से 9,000 करोड़ रुपये की बैंक धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है.
गडकरी ने टाइम्स ग्रुप के आर्थिक सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा,
गडकरी ने कहा कि वह जिस कर्ज का जिक्र कर रहे हैं वह महाराष्ट्र सरकार की इकाई सिकॉम द्वारा माल्या को दिया गया था. यह कर्ज 40 साल पहले दिया गया था. यह कर्ज माल्या ने बिना रूके समय पर चुकाया था.
मोदी सरकार में मंत्री नितिन गडकरी ने कहा -
कारोबारी समस्या को चुनाव में हुई हार से जोड़ते हुए गडकरी ने कहा कि कैसे वह 26 साल की उम्र में चुनाव हार गए थे, लेकिन उन्होंने जोर देते हुये कहा कि इस हार का मतलब यह नहीं था कि उनका राजनीतिक करियर समाप्त हो गया.
उन्होंने कहा, ‘‘अगर नीरव मोदी या विजय माल्याजी ने वित्तीय धोखाधड़ी की है तो उन्हें जेल भेजा जाना चाहिए, लेकिन अगर कोई परेशानी में आता है और हम उसपर धोखेबाज का लेबल दे देते हैं तो हमारी अर्थव्यवस्था प्रगति नहीं कर सकती.
लंदन की एक अदालत ने इसी सप्ताह माल्या के प्रत्यर्पण का आदेश दिया है. इससे सरकार के भगोड़े कारोबारी को वापस लाने के प्रयास में एक बड़ी सफलता मिली है.
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