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वरिष्ठ कन्नड़ पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या मामले के एक संदिग्ध ऋषिकेश देवदीकर को झारखंड के धनबाद जिले के कतरास थाना क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया है. गौरी लंकेश की हत्या पांच सितंबर, 2017 को बेंगलुरू में हुई थी.
कतरास के थाना प्रभारी विनोद उरांव ने शुक्रवार को आईएएनएस को बताया कि गिरफ्तार व्यक्ति पर बेंगलुरू में एक पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या का अरोप है.
उरांव ने बताया कि देवदीकर यहां बड़े व्यवसायी प्रदीप खेमका के पेट्रोल पंप के केयरटेकर के रूप में अपनी पहचान छिपाकर करीब आठ महीने से काम कर रहा था और उन्हीं के एक पुराने घर में रहता था. देवदीकर महाराष्ट्र के औरंगाबाद का रहने वाला बताया जाता है. थाना प्रभारी ने बताया कि बेंगलुरू पुलिस आवश्यक कानूनी कार्रवाई करने के बाद यहां से देवदीकर को बेंगलुरू ले जाएगी.
सूत्रों का कहना है कि एसआईटी की टीम यहां दो दिन से देवदीकर की तलाश में थी.
इस बीच, विशेष जांच दल (एसआईटी) के एक अधिकारी ने बेंगलुरू में बताया कि देवदीकर (44) पांच सितंबर, 2017 से फरार था, जब 55 वर्षीय लंकेश को उनके घर के सामने दक्षिण-पश्चिम उपनगर में गोली मार दी गई थी. अधिकारी ने कहा,
मुख्य जांच अधिकारी एम. एन. अनुचेत ने कहा, "साक्ष्य जुटाने के लिए शहर में देवदीकर के घर पर जांच चल रही है. वह मुख्य रूप से गौरी को मारने की साजिश में शामिल था, जोकि एक सामाजिक कार्यकर्ता भी थीं. "इस भीषण घटना के बाद लंकेश के हत्यारों को पकड़ने के लिए तत्कालीन राज्य सरकार द्वारा कुछ दिनों के अंदर ही एसआईटी को इसकी जिम्मेदारी दी गई थी, जिसने अब देवदीकर को गिरफ्तार किया है.
गौरी लंकेश अपने दिवंगत पिता और प्रख्यात पत्रकार लंकेश द्वारा स्थापित साप्ताहिक कन्नड़ टैबलॉयड 'लंकेश पत्रिका' की संपादक थीं. इससे पहले उन्होंने 'संडे' पत्रिका में कर्नाटक की संवाददाता के रूप में और बेंगलुरू में 'द टाइम्स ऑफ इंडिया' के लिए काम किया था.
एसआईटी ने अब तक इस मामले में 17 संदिग्धों को गिरफ्तार किया है, जिसमें गणेश मिस्किन शामिल हैं, जिस पर आरोप है कि उसने एक साथी के साथ मोटरसाइकिल पर सवार होकर गौरी को उनके घर के पास करीब से गोली मारी थी.
इनपुट आईएएनएस से भी
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