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झारखंड की एक 19 साल की युवती से उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद (Gang Rape in Ghaziabad) में कथित तौर पर गैंगरेप का मामला सामने आया है. दिल्ली के सफदरजंग हॉस्पिटल में सर्वाइवर की इलाज के दौरान मौत हो गई. शव के दाह संस्कार को लेकर आधी रात तक विवाद हुआ. परिजनों का आरोप है कि पुलिस रात में ही अंतिम संस्कार करवाना चाहती थी लेकिन परिजनों ने साफ इनकार कर दिया. ऐसे में शव पूरी रात श्मशान घाट पर एंबुलेंस में बंद रहा.
रेप सर्वाइवर के शव का मंगलवार सुबह साढ़े 7 बजे के आसपास अंतिम संस्कार किया गया. मामले को लेकर मृतका के मौसेरे भाई ने बताया कि सफदरजंग हॉस्पिटल दिल्ली से हम शव को गाजियाबाद के एक गांव लेकर जाना चाहते थे, जहां पूरा परिवार रहता है लेकिन गाजियाबाद पुलिस ने साफ मना कर दिया.
उसने बताया कि
मृतका के मौसेरे भाई ने पुलिस से कहा, 'ये हमारे परिवार की आखिरी लड़की है. इसलिए परिवार के सभी सदस्यों को इसका आखिरी बार चेहरा तो देख लेने दो. वैसे भी हिंदुओं में रात के वक्त अंतिम संस्कार नहीं होता है.'
इस बीच शमशान घाट पर रात में कुछ मीडियाकर्मी पहुंच गए. मृतका के मौसेरे भाई ने मीडिया को अपनी परेशानी बताई. आरोप है कि मामला बढ़ता देख पुलिस वहां से चली गई. इसके साथ ही, एंबुलेंस का ड्राइवर भी गायब हो गया.
मृतका के परिजनों ने आरोप लगाया कि पुलिस ही एंबुलेंस के ड्राइवर को साथ ले गई थी. ऐसे में शव एंबुलेंस में रातभर रखा रहा. मंगलवार सुबह करीब सात बजे के आसपास शव का अंतिम संस्कार हो पाया.
क्विंट हिंदी से बात करते हुए डीसीपी (ग्रामीण) विवेक चंद्र यादव ने बताया कि मूल रूप से झारखंड की रहने वाली 19 साल की युवती काम की तलाश में जुलाई में अपनी मौसी के घर गाजियाबाद आई थी. कथित तौर पर घटना होने से एक महीने पहले ही वह सिक्योरिटी गार्ड के रूप में शामिल हुई थी.
डीसीपी यादव के अनुसार आरोप है कि "रविवार की सुबह, सुपरवाइजर ने लड़की को अपने ऑफिस में बुलाया और उसके साथ रेप किया. 45 मिनट के बाद, वह रोने लगी और अपने सहकर्मियों को घटना के बारे में बताया. इसके बाद सर्वाइवर को दोपहर 1:30 बजे अस्पताल ले जाया गया."
निजी अस्पताल ने पुलिस को सूचित किया कि एक युवती को कथित यौन उत्पीड़न के बाद गंभीर सांस लेने में तकलीफ के कारण भर्ती कराया गया था. डीसीपी यादव ने कहा, "जब हमने रिश्तेदारों से बात की, तो उन्होंने आरोप लगाया कि उसके सुपरवाइजर ने उसके साथ रेप किया और दो अन्य लोगों ने उसे पीटा."
पुलिस ने बताया कि रविवार रात सर्वाइवर ने निजी अस्पताल में मजिस्ट्रेट के सामने (सीआरपीसी 164 के तहत) अपना बयान दर्ज कराया. पुलिस ने कहा, "चूंकि वह बोलने में असमर्थ थी, इसलिए उसने मजिस्ट्रेट को लिखित रूप में अपना बयान दिया और केवल अपने सुपरवाइजर का नाम लिया. इसे अब उसका मृत्युपूर्व बयान माना जाएगा."
पुलिस अधिकारी के अनुसार सर्वाइवर ने अपने बयान में कहा, "उसने मेरे साथ गलत काम किया".
डीसीपी ने कहा कि मौत के कारण का पता लगाने के लिए सर्वाइवर के शव को फोरेंसिक लैब में भेजा गया है.
डीसीपी यादव ने कहा, "हमने उसे (सुपरवाइजर) को गिरफ्तार कर लिया है और शव परीक्षण के निष्कर्षों और मेडिकल रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं. यह पता चला है कि उसके फेफड़ों को नुकसान हुआ है, लेकिन नुकसान का कारण अभी तक ज्ञात नहीं है. यह भी थ्योरी है कि उसने आत्महत्या करके मरने की कोशिश की थी घटना के बाद लेकिन इसकी पुष्टि नहीं की गई."
भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 376डी (सामूहिक बलात्कार) के तहत FIR दर्ज की गई है. द क्विंट के पास मौजूद एफआईआर में दो अज्ञात लोगों के भी नाम हैं.
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