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उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में पत्रकार विक्रम जोशी की हत्या को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी समेत कई नेताओं ने यूपी की योगी सरकार पर सवाल उठाए हैं. विक्रम जोशी को कुछ बदमाशों ने 20 जुलाई की रात बीच सड़क गोली मार दी थी. उनकी हालत गंभीर बनी हुई थी. 22 जुलाई की सुबह उनकी मौत हो गई.
राहुल गांधी ने ट्विटर पर राज्य सरकार पर हमला बोलेते हुए लिखा कि सरकार ने राम राज्य देने का वादा किया था, लेकिन गुंडाराज दिया है. परिवार को सांत्वनाएं देते हुए उन्होंने लिखा, “अपनी भांजी के साथ छेड़छाड़ का विरोध करने पर पत्रकार विक्रम जोशी की हत्या कर दी गयी. शोकग्रस्त परिवार को मेरी सांत्वना. वादा था राम राज का, दे दिया गुंडाराज.”
कांग्रेस ने कहा कि बीजेपी ने उत्तर प्रदेश के साथ दुश्मनों जैसा व्यवहार किया है. कांग्रेस ने बड़ा हमला बोलते हुए लिखा कि “जो हितौषी होता है, वो अपराध को इस स्तर पर नहीं पहुंचने देता. बीजेपी राज में अपराध चरम पर है और बेटियां सुरक्षित नहीं हैं. ऐसा यूपी तो नहीं चाहिए था किसी को!”
बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने उत्तर प्रदेश को जंगलराज बताया. उन्होंने लिखा कि “यूपी में जिस तरह से हर प्रकार के गंभीर अपराधों की बाढ़ लगातार जारी है, उससे स्पष्ट है कि यूपी में कानून का नहीं, बल्कि जंगलराज चल रहा है, अर्थात यूपी में कोरोना वायरस से ज्यादा अपराधियों का क्राइम वायरस हावी है.”
AAP नेता संजय सिंह ने यूपी पुलिस के समय पर एक्शन न लेने पर सवाल उठाया है. उन्होंने ट्विटर पर लिखा, “अत्यंत दुःखद खबर. उत्तर प्रदेश में न्याय मांगना भी गुनाह हो गया है. पत्रकार विक्रम जोशी ने वारदात से दो घंटे पहले पुलिस से मदद मांगी थी, लेकिन SO ने कोई मदद नही की और गुंडो ने उनकी बेटियों के सामने गोली मार दी ईश्वर विक्रम जोशी जी की आत्मा को शांति प्रदान करे. #योगी_का_जंगलराज”
रिटायर्ड आईपीएस एनसी अस्थाना ने भी पुलिस के समय पर कार्रवाई न करने को लेकर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने पूछा कि जब 17 जुलाई को मामला नोटिस में लाया गया था तो पुलिस ने केस क्यों नहीं रजिस्टर किया.
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने 21 जुलाई को ट्विटर पर यूपी कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े करते हुए उत्तर प्रदेश को जंगलराज बताया था.
गाजियाबाद में पत्रकारों में भारी आक्रोश है. पत्रकारों का कहना है कि आज जो घटना साथी विक्रम जोशी जी के साथ में हुई है, वो कल हमारे साथ भी हो सकती है. पत्रकारों की मांग है कि उन्हें सुरक्षा प्रदान की जाए और विक्रम जोशी की पत्नी को नौकरी दी जाए. साथ ही बच्चों को 10 क्लास तक की शिक्षा मुफ्त की जाए. इन मांगों को लेकर गाजियाबाद में पत्रकार धरने पर बैठ गए हैं.
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