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उत्तर प्रदेश की गाजियाबाद पुलिस (Ghaziabad Police) ने एक बुजुर्ग व्यक्ति के वायरल वीडियो को लेकर ट्विटर इंडिया मैनेजिंग डायरेक्टर को लीगल नोटिस भेजा है, उनसे एक हफ्ते के अंदर थाना लोनी बॉर्डर पहुंचकर बयान दर्ज कराने को कहा गया है. न्यूज एजेंसी ANI ने इस बात की जानकारी दी है.
हाल ही में सोशल मीडिया पर सामने आए एक वीडियो क्लिप में बुजुर्ग व्यक्ति अब्दुल समद सैफी ने आरोप लगाया था कि कुछ लोगों ने उनकी पिटाई की और उनसे ‘जय श्री राम’ का नारा लगाने के लिए कहा, लेकिन गाजियाबाद पुलिस ने घटना के पीछे कोई साम्प्रदायिक कारण होने से इनकार किया और कहा कि आरोपी उस ताबीज से नाखुश थे जो सैफी ने उन्हें बेचा था.
पुलिस ने इस घटना को साम्प्रदायिक रंग देने के आरोप में एक FIR दर्ज की है. यह FIR ट्विटर, कांग्रेस नेताओं, पत्रकार मोहम्मद जुबैर और राणा अयूब के खिलाफ दर्ज हुई है.
इस FIR में आरोप लगाया गया है कि द वायर, राणा अयूब, मोहम्मद जुबैर, समा मोहम्मद, सबा नकवी, मसकूर उस्मानी, सलमान निजामी ने ‘’ट्विटर पर घटना की सत्यता को जांचे बिना घटना को साम्प्रदायिक रंग दे दिया.’’
पुलिस ने आगे कहा है कि ट्विटर ने मामले से जुड़े वीडियो को वायरल होने से रोकने के लिए कुछ नहीं किया है.
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