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7 साल की बच्ची ने लिखा खास संदेश, संसद के बाहर खड़े होकर की अपील

7 साल की बच्ची ने पीएम मोदी से जलवायु परिवर्तण पर कानून लाने की की अपील 

क्विंट हिंदी
भारत
Published:
संसद के बाहर खड़ी पीएम से अपील करती 7 साल की बच्ची
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संसद के बाहर खड़ी पीएम से अपील करती 7 साल की बच्ची
(फोटो: ANI)

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शुक्रवार को जब पूरा देश योग दिवस मना रहा था, तब दिल्ली में 7 सात साल की एक लड़की सफेद तख्ती पर खास संदेश लिखकर संसद के बाहर खड़ी थी. इस बच्ची का नाम लिसिप्रिया कंगुजम है. यह खास संदेश उसने प्रधानमंत्री मोदी और देश के सभी सांसदों के लिए लिखा था.

बच्ची ने सफेद रंग की तख्ती पर लिखा, "डियर मिस्टर मोदी (PM Modi) और सांसद.. जलवायु परिवर्तन पर कानून पास करें और हमारे भविष्य को बचाएं." बच्ची ने कहा, "समुद्र का स्तर बढ़ रहा है और पृथ्वी गर्म हो रही है. उन्हें इस पर काम करना चाहिए."

बता दें, जलवायु परिवर्तन एक बहुत बड़ी समस्या है, जो आम जीवन को भी प्रभावित करती है. माना जा रहा है कि जलवायु परिवर्तन से मॉनसून की दिशा पर भी असर पड़ रहा है तभी मॉनसून के आने में देरी हो रही है. जिस वजह से कृषि व्यवसाय से जुड़े लोगों में चिंता बढ़ गई है. मॉनसून की देरी को कारण तमिलनाडु और दक्षिण भारत के राज्यों में जो पेयजल संकट है, वह और भी खतरनाक हो सकता है. धीरे-धीरे कर के सारे जल स्त्रोत सूख रहे हैं. जिन जलाशयों के सहारे सरकार लोगों को पानी मुहैया करा रही है वो सब सूखते जा रहे हैं.

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चेन्नई में पानी का संकट बढ़ता जा रहा है. यही हाल दक्षिण भारत के कई शहरों का है. वैसे तो हर साल गर्मियों में पानी की किल्लत रहती है लेकिन इस बार खतरा कुछ ज्यादा ही बढ़ रहा है. सैटेलाईट द्वारा जारी की गई तस्वीरों में दिखाया है कि पिछले कुछ सालों में पानी कितनी कम हो गया है. जमीनी स्तर पर पानी नाम मात्र रह गया है.

सैटेलाईट द्वार जारी तस्वीरें(फोटो:ट्विटर)

केंद्रीय जल आयोग के मुताबिक, चेन्नई और दूसरे बड़े शहरों में पानी की कमी का कारण जलाशयों में पानी का घटता स्तर है. उनकी रिपोर्ट के मुताबिक, तमिलनाडु के बड़ तालाबों में औसत से 40 प्रतिशत कम पानी है. 20 जून तक दक्षिण भारत के 31 बड़े जलाशयों में उनकी कैपेसिटी का बस 10 प्रतिशत पानी बचा है. सबसे बुरा हाल कर्नाटक का है जहां के 4 बड़े जलाशयों में उनकी क्षमता का बस 1 से 2 प्रतिशत पानी बचा है. ऐसे में अब सरकार को इस पानी के संकट का सटीक हल खोजना होगा. सरकार को जलवायु परिवर्तन के लिए भी कानून लाना होगा.

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