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पर्वतीय प्रदेश उत्तराखंड के चमोली जिले से ग्लेशियर टूटने की खबर आ रही है. इस घटना के बाद धौलीगंगा नदी का जलस्तर रैनी गांव में पावर प्रोजेक्ट के पास तेजी से बढ़ा है. ये चमोली जिले का तपोवन का इलाका है. शुरुआती तस्वीरों में साफ दिख रहा है कि आपदा की वजह से नदी के आसपास बने कई घर टूट गए हैं. सरकार ने 1070 या 9557444486 ये दो हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए हैं.
न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक चमोली जिले में आई बाढ़ की वजह से 100-150 लोगों के मारे जाने की आशंका है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बयान जारी कर कहा है कि- 'उत्तराखंड में प्राकृतिक आपदा की सूचना के सम्बंध में मैंने मुख्यमंत्री, DG ITBP व DG NDRF से बात की है. सभी सम्बंधित अधिकारी लोगों को सुरक्षित करने में युद्धस्तर पर काम कर रहे हैं. NDRF की टीमें बचाव कार्य के लिए निकल गयी हैं. देवभूमि को हर सम्भव मदद दी जाएगी.'
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा है कि- 'चमोली में आपदा की खबर है. जिला प्रशासन और पुलिस को निर्देश दिए गए हैं कि वो स्थिति सामना करें. आपदा प्रबंधन विभाग की टीमें भी स्पॉट के लिए रवाना हो चुकी हैं. किसी भी तरह की अफवाह पर ध्यान ना दें. सरकार सभी उचित कदम उठा रही है.'
धौलीगंगा नदी के किनार बसे गांव रैनी गांव में भारी तबाही हुई है. ITBP ने जानकारी दी है कि फोर्स की टुकड़ी स्पॉट के लिए रवाना हुई है और राहत और बचाव काम शुरू होगा.
उत्तराखंड के प्रसिद्ध तीर्थस्थल जोशीमठ में राहत और बचाव दल पहुंच चुका है. इस आपदा के बाद अनुमान है कि ये ग्लेशियर चमेली से होते हुए ऋषिकेश तक पहुंचेगा. जोशीमठ और श्रीनगर को भी अलर्ट पर रखा गया है.
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