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दिल्ली यूनिवर्सिटी की पूर्व प्रोफेसर जी एन साईबाबा के नागपुर जेल में कोरोना संक्रमित होने के बाद परिवार ने उन्हें प्राइवेट अस्पताल में शिफ्ट करने की मांग की है. जी एन साईबाबा नागपुर जेल में उम्रकैद की सजा काट रहे हैं. जेल में जी एन साईबाबा समेत 10 कैदी कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं.
3 दिन पहले नागपुर जेल से जी एन साईबाबा ने परिजनों को अपनी खराब सेहत के बारे में बताया था कि उन्हें कोविड के लक्षण दिख रहे हैं. जिसके बाद शुक्रवार को उनका कोविड टेस्ट कराया गया और उनकी रिपोर्ट पॉजिटीव आई. फिलहाल वे गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल नागपुर में भर्ती हैं.
जी एन साईबाबा शारीरिक रूप से 90 फीसदी विकलांग हैं और स्वास्थ्य से जुड़ी 19 बीमारियों से परेशान हैं. इनमें हार्ट और किडनी से जुड़ी बीमारियां भी शामिल हैं. ऐसे में कोविड की वजह से सेहत संबंधी परेशानी और बढ़ सकती है. फिलहाल जी एन साई बाबा को तेज बुखार और ऑक्सीजन लेने में दिक्कत आ रही है.
इस हालात को लेकर साईबाबा के परिवार ने उन्हें नागपुर मेडिकल कॉलेज के बजाय प्राइवेट अस्पताल में शिफ्ट करने की मांग की है. परिजनों का कहना है कि जी एन साईबाब पहले से कई गंभीर बीमारियों से जूझ रहे हैं ऐसे में बेहतर इलाज के लिए उन्हें प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया जाए.
जी एन साईबाबा की सेहत से जुड़ी चिंताओं को ध्यान में रखते हुए परिजनों ने कई बार उन्हें पैरोल पर रिहा करने की मांग की थी लेकिन इस मांग को ठुकरा दिया गया. हालांकि परिजनों ने एक बार फिर साईबाबा को पैरोल पर रिहा करने की मांग की है, साथ ही जेल प्रशासन से उनकी सेहत के बारे में समय-समय अपडेट देने की रिक्वेस्ट की है.
जी एन साईबाबा के परिजनों ने कहा है कि कोविड संक्रमित होने पर उन्हें बेहतर इलाज की सख्त जरुरत है. इसके लिए उन्होंने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और गृहमंत्री को पत्र लिखा है. जिसमें साईबाबा को प्राइवेट अस्पताल में शिफ्ट करने की मांग की है. परिजनों का कहना है कि साईबाब का इलाज परिजनों की देखरेख में होना बहुत जरूरी है.
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