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गोवा ने 18 साल से ज्यादा उम्र के सभी निवासियों को इवरमेक्टिन ड्रग लेने की सलाह दी है. गोवा के स्वास्थ्य मंत्री विश्वजीत राणे ने 10 मई को कहा कि मृत्यु दर कम करने के लिए हर किसी को ये ड्रग दिया जाएगा. ये एंटी-पैरासिटिक ड्रग गोवा में अब कोई भी ले सकता है. मतलब कि इसके लिए कोरोना के लक्षण होना जरूरी नहीं है.
अमेरिकी ड्रग रेगुलेटर FDA ने इवरमेक्टिन को मंजूरी नहीं दी थी. हालांकि, राणे का कहना है कि यूके, इटली, स्पेन और जापान के एक्सपर्ट पैनल ने पाया है कि ये ड्रग कोविड मरीजों में मृत्यु दर, रिकवरी टाइम और वायरल क्लीयरेंस घटाता है.
राणे ने कहा कि ये इलाज कोविड संक्रमण से नहीं बचाएगा लेकिन इससे गंभीरता कम करने में मदद मिलेगी.
गोवा में इवरमेक्टिन को मंजूरी मिलने के बाद से ये ड्रग चर्चा में आ गया. अब इसे लेकर एक स्टडी सामने आई है, जिसमें कहा गया कि इसके लगातार इस्तेमाल से कोविड संक्रमण का खतरा कम हो सकता है.
अमेरिकन जर्नल ऑफ थेराप्यूटिक्स के मई-जून के संस्करण में छपी रिसर्च में क्लीनिकल, इन-विट्रो, एनिमल और असल दुनिया की स्टडीज के डेटा का आकलन किया गया है.
स्टडी का फोकस जनवरी 2021 में हुए 27 कंट्रोल्ड ट्रायल्स थे. इनमें से 15 रैंडम कंट्रोल्ड ट्रायल्स (RCT) थे. इवरमेक्टिन की प्रभावकारिता के आकलन के लिए तीन RCT और पांच कंट्रोल्ड ट्रायल की समीक्षा की गई.
इवरमेक्टिन बनाने वाली फार्मा कंपनी मर्क ने 4 फरवरी 2021 को एक बयान जारी कर कोविड के इलाज में इस ड्रग की प्रभावकारिता पर स्पष्टीकरण दिया था. कंपनी ने कहा था कि 'कोविड के खिलाफ ड्रग के असर का कोई वैज्ञानिक सबूत नहीं है.'
कंपनी के अलावा दुनिया के टॉप हेल्थ एक्सपर्ट और साइंटिस्ट्स भी इस ड्रग के कोविड के इलाज में इस्तेमाल पर सवाल उठा रहे हैं. WHO की टॉप साइंटिस्ट्स सौम्या स्वामीनाथन ने ट्विटर पर लिखा कि 'WHO क्लीनिकल ट्रायल के अलावा कोविड में इवरमेक्टिन के इस्तेमाल की सलाह नहीं देता है.'
स्वामीनाथन ने ट्वीट किया, "किसी ड्रग के इस्तेमाल के लिए सुरक्षा और प्रभावकारिता बहुत जरूरी है." उनके अलावा एपिडेमियोलॉजिस्ट मधु पई और अमेरिकन साइंटिस्ट एरिक फीगल-डिंग ने भी ड्रग के इस्तेमाल को गलत बताया है.
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