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गोधरा रेल अग्निकांड में गुजरात हाईकोर्ट का फैसला
11 दोषियों की सजा उम्र कैद में बदली
स्पेशल कोर्ट ने 11 दोषियों को दी थी फांसी की सजा
SC ने 20 अन्य दोषियों की उम्रकैद की सजा बरकरार रखी
27 फरवरी 2002 को हुई थी 59 कारसेवकों की हत्या
मारे गए 59 लोगों के परिवारों को 10-10 लाख रुपये का मुआवजा भी
गोधरा में ट्रेन के डिब्बे जलाने के मामले पर गुजरात हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया है. कोर्ट ने 11 दोषियों की फांसी की सजा को उम्रकैद में बदल दिया है. साथ ही 20 अन्य दोषियों की उम्रकैद की सजा को बरकरार रखा है. सुप्रीम कोर्ट ने मारे गए 59 लोगों के परिवार वालों को 10-10 लाख रुपये मुआवजा देने का ऐलान भी किया है.
बाद में हाईकोर्ट में कई अपीलें दायर कर चुनौती दी गईं, जबकि राज्य सरकार ने 63 लोगों को बरी किए जाने को चुनौती दी है.
स्पेशल कोर्ट ने अभियोजन की इन दलीलों को मानते हुए 31 लोगों को दोषी करार दिया कि घटना के पीछे साजिश थी. दोषियों को हत्या, हत्या के प्रयास और आपराधिक साजिश की धाराओं के तहत कसूरवार ठहराया गया.
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