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Good Friday 2023: भूलकर भी किसी को न बोलें 'हैप्पी गुड फ्राइडे', जानें वजह

'Happy Good Friday' का आपका मैसेज किसी की धार्मिक भावना को आहत कर सकता है.

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<div class="paragraphs"><p>भूलकर भी न बोलें Happy Good Friday, जानें वजह</p></div>
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भूलकर भी न बोलें Happy Good Friday, जानें वजह

(फोटो: Canva)

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ईसाई समुदाय में अहम दिन Good Friday इस साल 7 अप्रैल को मनाया जाएगा. छुट्टी का दिन होने के कारण कई बार लोगों को लगता है कि बाकी त्योहारों की तरह ये भी खुशी का दिन है. लोग जाने-अनजाने में अपने ईसाई दोस्तों को Happy Good Friday का मैसेज भेज देते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि आपका ये मैसेज किसी की धार्मिक भावना को आहत कर सकता है?

ईसाई धर्म में गुड फ्राइडे खुशी का दिन नहीं, बल्कि शोक मनाने का दिन होता है.

मॉन्डी थर्सडे (Maundy Thursday) से लेकर रविवार को ईस्टर (Easter) तक, ईसाई धर्म मानने वालों के लिए पवित्र सप्ताह माना जाता है. रविवार के अलावा कोई भी दिन खुशी का नहीं होता है.

क्या होता है Maundy Thursday?

क्रिचियन मान्यता के मुताबिक, मॉन्डी थर्सडे एक स्पेशल दिन होता है. इस दिन भगवान यीशु मसीह ने अपने सभी शिष्यों के पैर धुले थे और एक-दूसरे से प्यार करने के लिए कहा था. जैसा भगवान यीशु अपने शिष्यों से करते थे. भगवान यीशु के वचनों पर चलते हुए गुड फ्राईडे से एक दिन पहले इस दिन को मनाया जाता है. धर्मगुरु चर्च के 12 सदस्यों के पैर धोते हैं. यह खुशी का समय नहीं माना जाता है, क्योंकि इसके अगले दिन गुड फ्राइडे होता है.

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क्यों नहीं बोलना चाहिए हैप्पी गुड फ्राइडे?

ईसाई मान्यताओं के मुताबिक, गुड फ्राइडे के दिन ही प्रभु यीशु को यातनाओं के बाद सूली पर चढ़ाया गया था. इस दिन को लेकर कई लोगों के मन में सवाल होता है कि अगर इस दिन भगवान की मौत हुई थी तो, इसे गुड फ्राईडे क्यों कहते हैं? रिपोर्ट्स के मुताबिक, भगवान यीशु ने दुनिया के पापों की क्षमा के लिए खुद की जान दी थी. भगवान के इस प्यार और बलिदान को देखकर ही लोगों ने इसे गुड फ्राइडे का नाम दिया था. कईयों का ये भी मानना है कि गुड से मतलब गॉड था. इस दिन प्रभु यीशु की मौत हुई थी, इसलिए इस दिन हैप्पी गुड फ्राईडे कहने से बचना चाहिए.

कब मनाया जाता है ईस्टर?

मॉन्डी थर्सडे, गुड फ्राइडे और शनिवार के दिन लोग उपवास और प्रार्थनाएं करते हैं. शनिवार रात को ईस्टर विजिल होता है. जब समुदाय के लोग चर्च जाकर प्रभु यीशु के दोबारा जी उठने का उत्सव मनाते हैं. रविवार यानी ईस्टर संडे इसलिए मनाया जाता है क्योंकि इस दिन प्रभु यीशु का पुनरुत्थान हुआ था.

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