Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019India Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019गोरखपुर हत्याकांड पहला केस नहीं, यूपी पुलिस पर इस साल हत्या के 5 केस दर्ज

गोरखपुर हत्याकांड पहला केस नहीं, यूपी पुलिस पर इस साल हत्या के 5 केस दर्ज

Gorakhpur hotel shooting: यूपी पुलिस पर बार-बार हिरासत में हत्या के आरोप लग रहे हैं.

क्विंट हिंदी
भारत
Published:
<div class="paragraphs"><p>यूपी पुलिस पर इस साल 5 हत्या के केस दर्ज</p></div>
i

यूपी पुलिस पर इस साल 5 हत्या के केस दर्ज

(फोटो - यूपी पुलिस)

advertisement

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) अपराधियों को ठोकने का दावा करते हैं, लेकिन ये ठोकने की प्रवृत्ति कई बार विवादों का पर्याय बनी है. कई ऐसे उदाहरण हैं जो पुलिसिया कार्रवाई (UP Police) पर सवाल खड़े करते हैं. जैसे हाल ही में गोरखपुर के 6 पुलिसकर्मियों द्वारा कानपुर के एक प्रॉपर्टी डीलर की कथित तौर पर पीट-पीटकर हत्या (Gorakhpur hotel shooting) करने का मामला, वैसे ये कोई पहला केस नहीं है, जिसमें यूपी पुलिस (up police) पर हत्या का आरोप लगा है. इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के मुताबिक, साल 2021 में 5 मर्डर के आरोप यूपी पुलिस पर लगे हैं.

फरवरी 2021 में जौनपुर में एक व्यक्ति की कथित तौर पर हिरासत में मौत के मामले पर इलाहाबाद हाई कोर्ट (allahabad high court) ने इसी महीने CBI को जांच अपने हाथ में लेने के निर्देश दिए थे. कोर्ट ने ये संकेत देते हुए निर्देश जारी किये थे कि, वरिष्ठ अधिकारी आरोपी पुलिसकर्मियों को बचाने और सबूत मिटाने में शामिल थे.

दरअसल जौनपुर के बक्सा स्टेशन से एक टीम ने 11 फरवरी को कृष्ण यादव को लूटपाट के एक मामले में पूछताछ के लिए हिरासत में लिया था. लेकिन स्टेशन पर कृष्ण यादव कथित तौर पर "पेट दर्द" से पीड़ित होने लगे और उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां पहुंचने पर उन्हें मृत घोषित कर दिया गया.

इसके बाद कृष्ण यादव के भाई की शिकायत के आधार पर नौ पुलिसकर्मियों पर हत्या का मामला दर्ज किया गया. बाद में जौनपुर की एक अदालत ने आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया. सीबीआई ने जांच अपने हाथ में लेते हुए कहा कि, कृष्ण यादव को फंसाया गया है.

इसी तरह मार्च में अंबेडकर नगर से SWAT टीम ने आजमगढ़ के जियाउद्दीन को कथित तौर पर हिरासत में लिया था, जिसके बाद उसकी मौत हो गई और SWAT प्रभारी समेत 8 पुलिसकर्मियों पर हत्या का आरोप लगा. जियाउद्दीन के परिवार ने आरोप लगाया कि जब वो अपने रिश्तेदार के यहां जा रहा था तब पुलिस ने हिरासत में लेकर उसे टॉर्चर किया, जिससे जियाउद्दीन की मौत हो गई.

पुलिस के मुताबिक पोस्टमार्टम में मौत के कारणों का पता नहीं चल पाया. जियाउद्दीन के परिवार वालों ने जब विरोध किया, तब जाकर अकबरपुर थाने में SWAT प्रभारी के अलावा 7 और पुलिसकर्मियों पर FIR दर्ज की गई.

अंबेडकर नगर के एसपी आलोक प्रियदर्शी (Alok Priyadarshi) ने बुधवार को इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि, एक सब-डिविजनल मजिस्ट्रेट द्वारा जांच का आदेश दिया गया था, और ये लगभग पूरा हो गया था. कथित हत्या की एफआईआर की पुलिस जांच के बारे में पूछे जाने पर एसपी ने कहा कि जांच अभी पूरी नहीं हुई है.

2021 के मई महीने में उन्नाव के एक सब्जी विक्रेता को कोविड-19 के नियमों के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए गिरफ्तार किया था. सब्जी विक्रेता का नाम फैसल हुसैन था और उसकी उम्र महज 18 साल थी. 21 मई को फैसल मृत पाया गया, उसकी पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का कारण सिर में चोट बताया गया. स्टेशन से मिले सीसीटीवी फुटेज में कुछ लोग फैसल के साथ मारपीट कर रहे हैं और उसे घसीट रहे हैं.

पुलिस ने शुरू में दावा किया था कि फैसल की प्रथम दृष्टया दिल का दौरा पड़ने से मौत हुई थी. लेकिस उसके परिवार और स्थानीय निवासियों ने फैसल का शव एक राजमार्ग पर रखकर विरोध प्रदर्शन किया तब जाकर FIR दर्ज की गई. फैसल के परिवार ने कांस्टेबल विजय चौधरी, सीमावत और होमगार्ड सत्य प्रकाश पर हत्या का आरोप लगाया गया था.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT
मामले की स्थिति के बारे में पूछे जाने पर बांगरमऊ के सीओ आशुतोष कुमार ने कहा कि बुधवार को जांचकर्ताओं ने पुलिसकर्मियों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया था. आरोपी के खिलाफ हत्या के आरोप (आईपीसी की धारा 302) को गैर इरादतन हत्या (धारा 304) के आरोप में बदल दिया गया है.

जून 2021 सुल्तानपुर

नाबालिग का अपहरण करने के आरोपी की पुलिस हिरासत में मौत के बाद कुदवार SHO समेत 4 पुलिसकर्मियों पर हत्या का मामला दर्ज किया गया था.

उस समय सुल्तानपुर के एसपी विपिन मिश्रा ने अपहरण के आरोपी की पहचान राजेश कोरी के रूप में की थी. उसे 3 जून को नाबालिग के साथ पकड़ा था और थाने लाया गया था. एसपी ने बताया कि इसेक बाद बच्ची को घर भेज दिया गया, वहीं कोरी को पुलिस हिरासत में रखा गया.

थाने में गंभीर रूप से घायल होने के बाद आरोपी को स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया जहां पहुंचने पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.

सुल्तानपुर के एडिशनल एसपी विपुल कुमार श्रीवास्तव ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि आरोपी पुलिसकर्मियों पर हत्या का मामला दर्ज किया गया है. वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि मामले की जांच अब अमेठी जिले के मुसाफिरखाना में चल रही है.

जुलाई में संत कबीर नगर पुलिस ने एक 55 साल के बुजुर्ग को हिरासत में लिया था क्योंकि पुलिस उसके बेटे को पकड़ने के लिए दबाव बनाना चाहती थी, जो कथित तौर पर अपने गांव की ही एक लड़की के साथ भाग गया था.

बुजुर्ग बहराइची के परिवार ने आरोप लगाया उनके साथ थाने में मारपीट की गई, जब उनकी तबीयत बिगड़ी तो बहराइची को अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी मौत हो गई. जिसके बाद आरोपी पुलिसकर्मी कथित तौर पर अस्पताल से फरार हो गया. एसपी कौस्तुभ ने बताया कि बखीरा थाना प्रभारी मनोज कुमार सिंह को बाद में निलंबित कर दिया गया.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: undefined

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT