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इन दिनों देश में प्याज के दाम आसमान छू रहे हैं. आम आदमी की थाली से प्याज नदारद हो रहे हैं. ऐसे में सरकार ने इसकी कीमत पर अंकुश लगाने के लिए नई कवायद शुरू कर दी है. केंद्र सरकार ने हर किस्म के प्याज के निर्यात पर रोक लगा दी है. प्याज की बढ़ती कीमतों के बीच घरेलू बाजार में इसकी उपलब्धता बढ़ाने के लिए यह कदम उठाया गया है.
इससे पहले 13 सितंबर को डीजीएफटी ने प्याज के निर्यात पर अंकुश के लिए 850 डॉलर प्रति टन का न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) तय किया था. इस कदम का उद्देश्य घरेलू बाजार में प्याज कीमतों पर अंकुश लगाना था.
दिल्ली और देश के कुछ अन्य हिस्सों में प्याज का खुदरा दाम 60 से 80 रुपये प्रति किलोग्राम पर पहुंच गया है. ये कीमत बाजार में मिलने वाले औसत दर्जे के सेब से भी ज्यादा है. महाराष्ट्र जैसे प्रमुख प्याज उत्पादक राज्यों में बाढ़ की वजह से बड़े पैमाने पर प्याज की फसल को नुकसान पहुंचा है. इस वजह से इसकी आपूर्ति भी प्रभावित हुई है.
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दिल्ली सरकार ने प्याज की बढ़ी हुई कीमत से दिल्ली वासियों को बड़ी राहत दी है. शुक्रवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ऐलान किया है कि बाजार में 80 रुपये किलो तक बिकने वाले प्याज को दिल्ली सरकार 28 सितंबर से 23.90 रुपए प्रति किलो की दर से बेचेगी. हालांकि, सरकार ने शर्त रखी है कि एक परिवार को अधिकतम पांच किलो प्याज ही दी जाएगी. इससे ज्यादा किसी को नहीं मिलेगा. केजरीवाल ने कहा, "हम केंद्र सरकार से रोजाना 1 लाख किलो प्याज लेंगे. नवरात्रों में प्याज की मांग कम हो जाएगी. अगर मांग कम हो जाएगी, तो केंद्र से प्याज भी कम लेंगे. मांग के हिसाब से हम रोजाना केंद्र से प्याज खरीदेंगे."
(इनपुट : PTI )
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