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दूध उत्पादक किसानों की नाराजगी और उनके आंदोलन को देखते हुए केंद्र सरकार आखिरकार हरकत में आ गई है. स्थिति की गंभीरता को देखते हुए वित्त मंत्रालय संभाल रहे पीयूष गोयल, कृषि मंत्री राधामोहन सिंह और सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने आनन-फानन में बैठक बुलाकर इस समस्या के समाधान का रास्ता तलाशना शुरू कर दिया है. बैठक में दूध और दूध उत्पादों के निर्यात शुल्क में कटौती का फैसला किया गया है.
नितिन गडकरी ने कहा कि दूध उत्पादकों की आय बढ़ाने के लिये सरकार कदम उठा रही है. साथ ही कहा गया है कि सरकार सभी रेलवे स्टेशनों पर दूध के आउटलेट खोलने की योजना बना रही है.
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने आंदोलन कर रहे किसानों से शांति बनाये रखने की अपील करते हुए मंगलवार को कहा कि केंद्र डेयरी उत्पादों का निर्यात बढ़ाने के लिये 10 प्रतिशत प्रोत्साहन देगा. साथ ही मिड डे मील और आंगनवाड़ी योजना के जरिये दूध वितरण पर भी विचार किया जा रहा है. इन सबका मकसद डेयरी से जुड़े किसानों को बेहतर रिटर्न दिलाना सुनिश्चित करना है.
महाराष्ट्र में दूध का खरीद मूल्य बढ़ाने तथा 5 रुपये प्रति लीटर सब्सिडी की मांग को लेकर किसानों के जारी विरोध प्रदर्शन के बीच गडकरी ने यह बात कही.
वित्त मंत्री पीयूष गोयल तथा कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह के साथ बैठक के बाद गडकरी ने संवाददाताओं से कहा कि गुजरात आर महाराष्ट्र सरकारों ने दूध पाउडर पर सब्सिडी जैसे उपायों की घोषणा की है. अन्य राज्यों को भी इसे अपनाना चाहिए. गडकरी ने विरोध कर रहे दूध उत्पादकों और किसानों से शांति बनाये रखने की अपील की. उन्होंने कहा कि सरकार किसानों को बेहतर रिटर्न के लिये डेयरी उत्पादों का निर्यात बढ़ाने के लिय कदम उठा रही है.
रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि दूध की खपत को बढ़ावा देने के लिए रेलवे देशभर में स्टेशनों पर दूध उपलब्ध कराने के लिए एक योजना बना रही है. गोयल ने परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, कृषि मंत्री राधामोहन सिंह, अमूल इंडिया और खाद्य सुरक्षा निकाय एफएसएसएएआई के प्रतिनिधियों की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय बैठक के बाद यह बात कही.
सूत्रों ने बताया कि बैठक में अमूल इंडिया के प्रतिनिधियों ने सुझाव दिया कि रेलवे डेयरी कंपनियों को स्टॉल उपलब्ध करा सकती है जहां वे अपने उत्पाद बेच सकते हैं
(इनपुट: भाषा)
वीडियो देखें - महाराष्ट्र में दूध उत्पादक किसानों ने इस तरह किया विरोध प्रदर्शन
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