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रोजगार के मुद्दे पर विपक्ष सरकार पर लगातार हमले करता रहा है. वहीं सरकार देश में रोजगार के मौके पैदा करने के लिए गंभीर होने का दावा करती आई है. अब श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने कहा है कि 2016 से बेरोजगारी से जुड़ी रिपोर्ट अगले दो महीने में सामने आ जाएगी. गंगवार ने बुधवार को राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में ये जानकारी दी है.
हाल ही में पीएम मोदी ने 'स्वराज्य' पत्रिका को दिए इंटरव्यू में कहा था कि नौकरियों की कमी से ज्यादा, नौकरियों पर आंकड़े की कमी की समस्या है. हमारे विपक्षी स्वाभाविक रूप से इस अवसर का हमपर आरोप मढ़ने में कर रहे हैं.
गंगवार ने भी इस बात से इनकार किया है कि देश में रोजगार के मौके में कमी आई है. उन्होंने कहा कि वैश्विक आंकड़े भी दिखाते हैं भारत में बेरोजगारी की दर कम है. उन्होंने कहा कि नवंबर 2016 के बाद से बेरोजगारी से जुड़े आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं. श्रम मंत्री ने कहा कि एक नया सर्वे कराया जा रहा है. इसकी रिपोर्ट अगले दो महीने में आ जाएगी. सरकार की कई योजनाओं का जिक्र करते हुए गंगवार ने कहा कि सरकार स्वरोजगार के क्षेत्र में भी खास ध्यान दे रही है.
रोजगार का सृजन करना सरकार की प्राथमिकता रही है और इसके लिए कई कदम उठाए गए हैं. उन्होंने कहा कि रोजगार के अवसरों में इजाफे के लिए अर्थव्यवस्था के निजी क्षेत्र को बढ़ावा देना, व्यापक निवेश वाली कई परियोजनाओं को जल्दी पूरा करना, मनेरगा, दीन दयाल ग्रामीण कौशल विकास योजना में सार्वजनिक खर्च बढ़ाने जैसे कदम उठाए गए हैं. उन्होंने कहा कि स्वरोजगार को सुगम बनाने के लिए सरकार ने मुद्रा और स्टार्ट-अप योजनाएं शुरू की हैं.
इससे पहले इसी साल मार्च महीने में, लोकसभा में सांसद दुष्यंत चौटाला ने पिछले 3 साल में रोजगार के मौके पैदा करने से जुड़े सवाल पूछे थे. संतोष कुमार गंगवार इस सवाल के जवाब में 2016-17 और 2017-18 के बेरोजगारी के आंकड़े नहीं पेश कर पाए. साथ ही उन्होंने बताया था कि नरेंद्र मोदी सरकार ने नौकरी देने का कोई टारगेट तक तय नहीं किया है.
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