Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019India Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019अब सांसदों और अफसरों को तय समयसीमा में खाली करना होगा सरकारी बंगला

अब सांसदों और अफसरों को तय समयसीमा में खाली करना होगा सरकारी बंगला

मौजूदा कानून के तहत बेदखली प्रक्रिया काफी लंबी होती है और कई बार तो इसमें सालों का समय लग जाता है.

द क्विंट
भारत
Updated:


मौजूदा कानून के तहत बेदखली प्रक्रिया काफी लंबी होती है.
i
मौजूदा कानून के तहत बेदखली प्रक्रिया काफी लंबी होती है.
(फोटो: iStock)

advertisement

सांसद, विशिष्ट हस्तियां और नौकरशाह अब अपने सरकारी बंगलों में तय समयसीमा से अधिक समय तक नहीं रह सकेंगे. उनसे सरकारी बंगलों को आसानी से खाली कराने के लिए लोकसभा में सोमवार को एक विधेयक पेश किया गया.

केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने लोकसभा में 'सरकारी स्थान (अप्राधिकृत अभिभोगियों की बेदखली) संशोधन विधेयक 2017' को पेश किया . ऐसा देखा गया है कि मौजूदा कानून का दुरुपयोग करके कुछ अनाधिकृत कब्जाधारी इन बंगलों और मकानों में जमे रहते थे. बार-बार सरकार की ओर से नोटिस भेजे जाने के बावजूद इन बंगलों को खाली कराना आसान नहीं होता था.

यह विधेयक अधिकारियों को लोगों को इन आवासों से बेदखल करने की प्रक्रिया शुरू करवाने की पावर देता है. अधिकारी तय समय सीमा से तीन दिन अधिक रहने के बाद कार्रवाई कर सकते हैं.

ऐसे कब्जाधारियों को हाई कोर्ट में बेदखली आदेश को चुनौती देने और स्थगन आदेश लेने से हतोत्साहित करने के लिए विधेयक कहता है कि उन्हें तय सीमा के बाद हर महीने बंगले या आवास की टूटफूट के लिए भुगतान करना होगा.

विधेयक में कहा गया है कि संशोधन के बाद अवैध कब्जाधारियों को इन आवासों से हटाना आसान और जल्द हो सकेगा. मौजूदा कानून के तहत बेदखली प्रक्रिया काफी लंबी होती है और कई बार तो इसमें सालों का समय लग जाता है.

-(इनपुट भाषा से)

(हमें अपने मन की बातें बताना तो खूब पसंद है. लेकिन हम अपनी मातृभाषा में ऐसा कितनी बार करते हैं? क्विंट स्वतंत्रता दिवस पर आपको दे रहा है मौका, खुल के बोल... 'BOL' के जरिए आप अपनी भाषा में गा सकते हैं, लिख सकते हैं, कविता सुना सकते हैं. आपको जो भी पसंद हो, हमें bol@thequint.com भेजें या 9910181818 पर WhatsApp करें.)

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 01 Aug 2017,06:03 AM IST

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT