advertisement
रक्षा मंत्रालय ने एक बड़ा फैसला लिया है. मंत्रालय ने मौजूदा नियम को हटा दिया है, जिसने वीरता पुरस्कार विजेताओं की विधवा को मिलने वाले भत्ते को बैन कर रखा था. दरअसल, इस नियम के मुताबिक किसी वीरता पुरस्कार विजेता की विधवा अपने दिवंगत पति के भाई के अलावा किसी और से शादी कर ले, तो उनको मिलने वाला भत्ता रोक दिया जाता था.
मौजूदा नियम ये कहता है कि विधवा को इस भत्ते का लाभ आजीवन मिलेगा, लेकिन अगर वो फिर से शादी करती है, तो उनका पति पूर्व दिवगंत पति का भाई होना चाहिए.
रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि पति के भाई से दोबारा शादी करने वाली शर्त को कई आवेदन मिलने के बाद हटा दिया गया है.
अब कानूनी रूप से किसी और से की गई दूसरी शादी के बाद भी आजीवन भत्ता मिलना जारी रहेगा.
1972 में मंत्रालय ने फैसला लिया था कि वीरता पुरस्कार पाने वालों को भत्ता दिया जाएगा. मंत्रालय ने कहा कि 1995 ये फैसला हटा दिया गया था. हालांकि समय-समय पर इसे संशोधित किया जाता रहा है.
(इनपुट: PTI)
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)