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कश्मीर के एक लोकल पत्रकार को सुरक्षा बलों ने हिरासत में ले लिया है. ये घटना बुधवार रात की है, सुरक्षाबलों ने पुलवामा के त्राल में रहने वाले ‘ग्रेटर कश्मीर’ के 26 साल के पत्रकार इरफान मलिक को उनके घर से हिरासत में लिया. इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक इरफान के परिवारवालों ने बताया कि उनके घर रात करीब 11.30 बजे सुरक्षाबलों की एक टीम आई और इरफान को अपने साथ त्राल के पुलिस स्टेशन ले गई.
इरफान के परिवारवालों से श्रीनगर में मौजूद क्विंट संवाददाता शादाब मोइज़ी ने भी बात की, जिन्होंने इस बात की तस्दीक की है कि इरफान को हिरासत में लिया गया है. उनका कहना है कि ये समझ नहीं आ रहा है कि आखिर उनके बेटे को क्यों हिरासत में लिया गया है.
वहीं मीडिया से बात करते हुए इरफान की मां हसीना ने कहा कि वो पुलिस स्टेशन अपने बेटे से मिलने गई थीं. उन्होंने बताया कि उनके बेटे को जेल में तो नहीं रखा गया है, लेकिन पुलिस स्टेशन के कैंपस में ही उसे रखा गया है, वो इस बात से बेहद परेशान है कि आखिर उसका कसूर क्या है, उसे क्यों थाने में रखा गया है.
इस बीच जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई भी हुई. सुप्रीम कोर्ट में आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद से कश्मीर घाटी में पत्रकारों को कामकाज करने पर प्रतिबंधों की याचिका की सुनावाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार महेता ने कहा- ‘सुरक्षा एजेंसियां रोजाना स्थिति का जायजा ले रही हैं. हमें जमीनी हालात पता हैं’
वहीं चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया रंजन गोगोई ने आर्टिकल 370 को हटाने के खिलाफ याचिका की सुनवाई करते हुए कहा कि-‘ये कैसी याचिका है? मैंने याचिका को आधा घंटे पढ़ा, लेकिन मुझे समझ में नहीं आया ये कैसी याचिका है?’
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आर्टिकल 370 से जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा प्राप्त था. इसके तहत जम्मू-कश्मीर का अपना संविधान और झंडा था. अब आर्टिकल 370 हटने से जम्मू-कश्मीर से ये सभी विशेषाधिकार छिन गए हैं. जम्मू-कश्मीर राज्य को दो केंद्र शासित राज्य में बांट दिया गया है. एक केंद्र शासित जम्मू-कश्मीर होगा, वहीं दूसरा लद्दाख.
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