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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में जीएसटी काउंसिल (GST Council Meeting) की बैठक हुई. जिसमें आम लोगों से जुड़े कई अहम फैसले लिए गए. हालांकि इस बार भी पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में नहीं रखा गया है. इसे लेकर लगातार अटकलें लगाई जा रही थीं कि सरकार लोगों को राहत देने के लिए पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के तहत ला सकती है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि, कोरोना से संबंधित दवाओं पर जीएसटी दरों में छूट दी गई थी, जो 30 सितंबर तक लागू थी. अब इस छूट को 31 दिसंबर 2021 तक बढ़ाया गया है. हालांकि जीएसटी दरों में ये छूट सिर्फ दवाइयों में दी जाएगी, पहले जो लिस्ट जारी की गई थी उसमें कई तरह के दूसरे उपकरण भी शामिल थे.
वित्त मंत्री ने आगे कहा कि, कुछ जीवन रक्षक दवाएं जो बहुत महंगी हैं, जो बच्चों के लिए ज्यादा इस्तेमाल की जाती हैं. ये कोरोना से संबंधित नहीं हैं. ऐसी ड्रग्स को जीएसटी से छूट दी गई है. इस पर अब जीएसटी नहीं लगेगा. जोलगेन्स्मा और विल्टेप्सो ऐसी ही 2 महत्वपूर्ण ड्रग्स हैं.
पहले कहा जा रहा था कि जीएसटी काउंसिल की बैठक में फूड डिलीवरी ऐप्स से भी अलग से जीएसटी वसूलने का फैसला लिया जाएगा. लेकिन इसे लेकर वित्त मंत्री सीतारमण मे बताया कि इस पर कोई अतिरिक्त टैक्स नहीं लगाया गया है.
मालगाड़ियों पर लगने वाले नेशनल परमिट फीस को जीएसटी से बाहर किया गया है. जिसे सभी राज्य वसूलते हैं.
एयरक्राफ्ट्स के इंपोर्ट और लीज पर डबल टैक्स लगाया जाता है, अब इसे डबल टैक्सेशन से बाहर किया गया है. इससे एविएशन सेक्टर को बूस्ट मिलेगा.
बायोडीजल पर जीएसटी को घटाकर 12 फीसदी से अब 5 फीसदी कर दिया गया है.
कैंसर संबंधी ड्रग्स जैसे कीट्रूडा पर जीएसटी की दर 12% से घटाकर 5% की गई है.
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