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GST आने के बाद कुछ सस्ता, कुछ मंहगा, कंपनियों पर क्या होगा असर

गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) के रेट्स फाइनल हो गए हैं.

क्‍व‍िंट कंज्यूमर डेस्‍क
भारत
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गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) के रेट्स फाइनल हो गए हैं. कई प्रॉडक्ट्स और सर्विसेज पर टैक्स का बोझ कम हुआ है तो कइयों पर इसका बोझ बढ़ गया है. यहां हम बता रहे हैं कि शेयर बाजार के लिए इसका क्या मतलब है? अलग-अलग सेक्टर्स पर रेट्स का क्या असर पड़ेगा.

ऑटो

अभी इंडस्ट्री पर 28-31 पर्सेंट का टैक्स लगता है. जीएसटी में ट्रैक्टर को छोड़कर दूसरे सेगमेंट पर 28 पर्सेंट का टैक्स लगेगा. स्पोर्ट्स यूटिलिटी व्हीकल के टैक्स रेट में 6-10 पर्सेंट की कमी आ सकती है. जीएसटी के अलावा चार मीटर से बड़ी गाड़ियों पर 15 पर्सेंट का सेस यानी उपकर भी लगेगा.

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कंपनियों पर असर: बाइक की कीमत कम होने से हीरो मोटो, बजाज ऑटो और टीवीएस मोटर को बिक्री बढ़ाने में मदद मिलेगी. मारुति पर जीएसटी का ज्यादा असर नहीं होगा. आयशर मोटर्स को 350 सीसी से ज्यादा की बाइक्स पर 3 पर्सेंट का अतिरिक्त उपकर देना होगा, जिसकी कंपनी की कुल बिक्री में 6 पर्सेंट हिस्सेदारी है.

एफएमसीजी

जीएसटी में साबुन, टूथपेस्ट और हेयर ऑयल पर अभी के 24 पर्सेंट के मुकाबले 18 पर्सेंट का टैक्स लगेगा. वहीं, डिटर्जेंट, शैंपू, स्किन क्रीम, चॉकलेट पर अभी 24 पर्सेंट टैक्स लगता है, जो जीएसटी में बढ़कर 28 पर्सेंट हो जाएगा.

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कंपनियों पर असरः साबुन और टूथपेस्ट का हिंदुस्तान यूनिलीवर की सेल्स में 25 पर्सेंट योगदान है. इसलिए इन पर टैक्स कम होने से कंपनी को फायदा होगा. कॉलगेट के लिए टैक्स रेट 28 पर्सेंट से घटकर 18 पर्सेंट रह गया है. जीएसटी उसके लिए काफी फायदेमंद है. साबुन पर टैक्स घटने से गोदरेज कंज्यूमर को बेनेफिट होगा क्योंकि डोमेस्टिक मार्केट से उसकी आमदनी में साबुन का योगदान 30 पर्सेंट है.

चॉकलेट और कॉफी पर टैक्स बढ़ना नेस्ले के लिए बुरी खबर है. हेयर ऑयल और टूथपेस्ट पर टैक्स घटना डाबर के लिए अच्छी खबर है क्योंकि इससे उसे बिक्री बढ़ाने में मदद मिल सकती है. लेकिन डाबर की ज्यादातर प्रॉडक्शन यूनिट्स ऐसी जगह पर हैं, जहां टैक्स नहीं लगता. इसलिए कंपनी पर बहुत ज्यादा असर नहीं होगा. रस्क और टोस्टेड ब्रेड पर टैक्स घटने से ब्रिटानिया को फायदा होगा.

सिगरेट

इस पर 28 पर्सेंट के मैक्सिमम रेट से टैक्स वसूलने का प्रस्ताव रखा गया है. सिगरेट पर इफेक्टिव टैक्स रेट 55-60 पर्सेंट के करीब होगा.

कंपनियों पर असरः जीएसटी रेट्स को लेकर अटकलों की वजह से आईटीसी, गॉडफ्रे फिलिप्स और वीएसटी इंडस्ट्रीज जैसे स्टॉक्स पर प्रेशर बना हुआ था, जो अब खत्म हो जाएगा. जीएसटी से इन कंपनियों की सामान एक राज्य से दूसरे राज्य में ले जाने की लागत कम होगी.

पेंट

पेंट्स पर अभी 24-25 पर्सेंट टैक्स लगता है, जिसे जीएसटी में बढ़ाकर 28 पर्सेंट कर दिया गया है. इसका पेंट कंपनियों की बिक्री पर कुछ बुरा असर पड़ सकता है.

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कंपनियों पर असरः एशियन पेंट्स, कन्साई नेरोलैक, एग्जो नोबेल, बर्जर पेंट्स और शालीमार पेंट्स की वॉल्यूम ग्रोथ पर नजर रखनी होगी.

सीमेंट

इस इंडस्ट्री को अभी 24-25 पर्सेंट टैक्स देना पड़ता है, जो 1 जुलाई से बढ़कर 28 पर्सेंट हो जाएगा.

कंपनियों पर असरः अल्ट्राटेक, एसीसी, अंबुजा, श्री सीमेंट जैसी कंपनियों पर टैक्स रेट बढ़ने से मामूली असर हो सकता है.

मेटल्स और माइनिंग

कोयले पर ड्यूटी 12 पर्सेंट से घटाकर 5 पर्सेंट कर दी गई है. इससे कोयले का दाम कम होगा, इसलिए बिजली और दूसरे सेक्टर की कंपनियां विदेश से इसका आयात बंद कर सकती हैं.

कंपनियों पर असरः कोयले पर ड्यूटी घटने से कोल इंडिया को फायदा होगा. वहीं, लिग्नाइट कोयले का प्रॉडक्शन करने वाली जीएमडीसी पर टैक्स का बोझ 37 पर्सेंट से घटकर 5 पर्सेंट हो जाएगा. जीएसटी से इस कंपनी को काफी फायदा होने की उम्मीद है. अयस्क पर टैक्स घटने से हिंडाल्को, टाटा स्टील, वेदांता जैसी कंपनियों को फायदा होगा.

कंज्यूमर ड्यूरेबल्स

एयर कंडीशनर, फ्रिज और वॉशिंग मशीन पर 28 पर्सेंट के पीक रेट से टैक्स लगेगा. अभी इन कंपनियों पर 26 पर्सेंट टैक्स लगता है.

कंपनियों पर असरः एसी सेगमेंट में वोल्टास, ब्लू स्टार और हैवेल्स जैसी कंपनियां हैं, जबकि फ्रिज सेगमेंट में व्हर्लपूल और वॉटर हीटर में बजाज इलेक्ट्रिकल्स और वी गार्ड जैसी कंपनियां प्रभावित हो सकती हैं. प्रेशर कुकर पर टैक्स 15 पर्सेंट से घटाकर 12 पर्सेंट कर दिया गया है, जिससे हॉकिन्स और टीटीके प्रेस्टीज को लाभ होगा.

डेयरी और डेयरी प्रॉडक्ट्स

दूध को जीएसटी से बाहर रखा गया है, जबकि स्किम्ड मिल्क पाउडर पर 5 पर्सेंट का टैक्स लगाया गया है. यह डेयरी इंडस्ट्री के लिए अच्छी खबर है.

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कंपनियों पर असरः हेरिजेट फूड्स और पराग मिल्क फूड्स जैसी कंपनियों को इससे फायदा हो सकता है.

टेलीकॉम

दूरसंचार सेवाओं पर अभी 15 पर्सेंट का टैक्स लगता है, जिसे बढ़ाकर 18 पर्सेंट कर दिया गया है.

कंपनियों पर असरः इसका भारती एयरटेल, आइडिया सेल्युलर, रिलायंस कम्युनिकेशंस जैसी कंपनियों पर कुछ निगेटिव असर हो सकता है.

इंश्योरेंस

इंश्योरेंस सर्विसेज पर भी टैक्स को 15 पर्सेंट से बढ़ाकर 18 पर्सेंट किया गया है।

कंपनियों पर असरः अभी इस सेगमेंट में सिर्फ आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल ही शेयर बाजार में लिस्टेड है, लेकिन केंद्र ने अपनी पांच जनरल इंश्योरेंस कंपनियों की लिस्टिंग की योजना बनाई है. इंश्योरेंस सेक्टर के लिए टैक्स बढ़ना बुरी खबर है.

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Published: 20 May 2017,02:07 PM IST

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