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गुजरात: प्रिंसिपल ने उतरवाए 68 लड़कियों के कपड़े, महिला आयोग सख्त

महिला आयोग ने इस मामले में संज्ञान लेकर जांच के आदेश दिए हैं

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महिला आयोग ने इस मामले में संज्ञान लेकर जांच के आदेश दिए हैं
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महिला आयोग ने इस मामले में संज्ञान लेकर जांच के आदेश दिए हैं
(फोटो: ANI)

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गुजरात के भुज में एक इंस्टीट्यूट में लड़कियों को अपने इनरवियर उतारने के लिए इसलिए मजबूर किया गया, जिससे वो साबित कर सकें कि उन्हें पीरियड्स नहीं हो रहे थे. ये मामला भुज के श्री सहजानंद गर्ल्स इंस्टीट्यूट (SSGI) का है. इस इंस्टीट्यूट में पढ़ने वाली 68 लड़कियों को टीचर्स ने उनके कपड़े उतारकर साबित करने के लिए मजबूर किया. महिला आयोग ने इस मामले में संज्ञान लेकर जांच के आदेश दिए हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस मामले में एफआईआर की गई है.

इंस्टीट्यूट की डीन, दर्शना ढोलकिया ने घटना से पल्ला झाड़ते हुए कहा, 'ये मामला हॉस्टल का है, इसका यूनिवर्सिटी/कॉलेज से कुछ लेना देना नहीं हैं. सबकुछ लड़कियों की मर्जी से हुआ है, किसी ने उनके साथ जबरदस्ती नहीं की. किसी ने उन्हें नहीं छुआ.'

डीन ने कहा कि इस मामले की जांच के लिए एक इंक्वायरी टीम का गठन किया गया है.

भुज के डिप्टी एसपी ने बताया कि इस मामले में चार लोगों पर आपराधिक मुकदमा दर्ज किया गया है. इंस्टीट्यूट के तीन अधिकारी और हॉस्टल के सुपरवाइजर पर केस हुआ है.

कैसे शुरू हुआ पूरा मामला?

द टाइम्स ऑफ इंडिया से एक स्टूडेंट ने कहा, 'ये मेंटल टॉर्चर था और हमारे पास ये बयां करने के लिए शब्द नहीं हैं.' रिपोर्ट के मुताबिक, ये मामला तब शुरू हुआ जब हॉस्टल के बाहर गार्डन में एक इस्तेमाल किया हुआ सैनिटरी पैड मिला. कॉलेज प्रशासन को शक हुआ कि किसी लड़की ने इसे बाथरूम की खिड़की से फेंका होगा. हॉस्टल वॉर्डन ने प्रिंसिपल रीता रनीगा को इसकी जानकारी दी और सभी लड़कियों को समन किया.

लड़कियों को स्वामीनारायण संप्रदाय के नियम याद दिलाने के बाद, प्रिंसिपल ने लड़कियों से कहा कि वो खुद कबूल लें कि ये किसने किया है. दो लड़कियों ने मानने के बाद भी प्रिंसिपल को जब यकीन नहीं हुआ, तो एक-एक कर सभी लड़कियों को वॉशरूम ले जाया गया और उन्हें चार महिला टीचर्स के सामने कपड़े उतराने को कहा गया.

हॉस्टल में रहने वाली लड़कियों को पीरियड्स में कई तरह के नियमों को फॉलो करना होता है. पीरियड्स में लड़किया बेसमेंट में हॉस्टल के कमरे में रहेंगे, वो किचन या पूजा के स्थान पर नहीं जा सकतीं. उन्हें अपना अलग सामान रखना होगा और पीरियड्स खत्म होने के बाद कमरा साफ करना होगा. और इतना ही नहीं, पीरियड्स में इन्हें क्लास में आखिरी बेंच पर बैठना होगा.

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हरकत में महिला आयोग

राष्ट्रीय महिला आयोग ने मामले में संज्ञान लेते हुए एक टीम का गठन किया है, जो स्टूडेंट्स से बात करेगी. गुजरात महिला आयोग ने भी पुलिस को मामले की जांच के आदेश दिए हैं.

स्वाति मालीवाल ने की प्रिंसिपल की बर्खास्तगी की मांग

दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने प्रिंसिपल को तुरंत बर्खास्त करने की मांग की है. उन्होंने ट्विटर पर लिखा, 'क्या घटिया हरकत है ये! ऐसी घटिया मानसिकता के लोगों को प्रिंसिपल बनाया कैसे? इस मामले में प्रिंसिपल पर केस दर्ज हो और तुरंत बर्खास्त किया जाए!'

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Published: 14 Feb 2020,07:19 PM IST

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