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Guru Purnima 2023: सनातन संस्कृति में गुरु को हमेशा से ही ब्रह्मा, विष्णु और महेश के समान पूज्य माना जाता है. धर्म, वेदों एवं शास्त्रों में भी कहा गया है कि बिना गुरु के ईश्वर नहीं मिलता, इसलिए जीवन में गुरु का होना अत्यंत आवश्यक है. देशभर में आज गुरु पूर्णिमा मनाई जा रही है. वेद, उपनिषद और पुराणों का लेखन करने वाले महर्षि वेद व्यास को समस्त मानव जाति का गुरु माना जाता है. इसीलिए उनको सर्वोपरि गुरू भी माना जाता है. गुरु का महत्व अत्याधिक है क्योंकि गुरु स्वयं भगवान से मिलाने वाले होते है.
महर्षि वेद व्यास का जन्म आषाढ़ पूर्णिमा को लगभग 3000 ई. पूर्व में हुआ था. उनके सम्मान में ही हर साल आषाढ़ शुक्ल पूर्णिमा के मौके पर गुरु पूर्णिमा का पर्व मनाया जाता है. कहा जाता है कि महर्षि व्यास ने ऋषि-मुनियों और शिष्यों को सर्व प्रथम श्री भागवत पुराण का ज्ञान दिया था इसलिए ये शुभ दिन व्यास पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है.
गुरु पूर्णिमा इसलिए भी मनाते हैं क्योंकि इस दिन महर्षि व्यास ने अपने सभी ग्रंथों को पूरा किया था.
अगर गुरु पूर्णिमा के महत्व की बात करें तो साल भर की पूजा का पूण्य एक दिन की पूजा से मिलता है. गुरु पूर्णिमा इसलिए भी मनाते हैं ताकि आप गुरु से जुड़कर अपने जीवन के तमाम अंधकारों को नष्ट करके ज्ञान की ओर बढ़ सकें. भगवद गीता के अध्याय 2, श्लोक 7 में लिखा है "गुरु के बिना ज्ञान नहीं, ज्ञान के बिना कोई महान नहीं" अर्थात यदि गुरु को नहीं पकड़ा तो भगवान पकड़ में ही नहीं आएंगे.
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