Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019India Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019गुरुग्राम नमाज विवाद: कैमरे के सामने बहस, कैमरा हटते ही पीछा और मारपीट

गुरुग्राम नमाज विवाद: कैमरे के सामने बहस, कैमरा हटते ही पीछा और मारपीट

28 वर्षीय मुस्लिम प्रवासी मजदूर ने कहा- ''उन्होंने मुझे 'जय श्री राम' बोलने के लिए कहा और फिर मेरे साथ मारपीट की''

मेघनाद बोस & समर्थ ग्रोवर
भारत
Updated:
<div class="paragraphs"><p>नमाज रोकना, मुस्लिम विरोधी नारा: गुरुग्राम में तैयार होता सांप्रदायिक शुक्रवार</p></div>
i

नमाज रोकना, मुस्लिम विरोधी नारा: गुरुग्राम में तैयार होता सांप्रदायिक शुक्रवार

(फोटो: मेघनाद बोस/द क्विंट)

advertisement

"न मुल्लों का ना काजी का, ये देश है वीर शिवाजी का"

गुरुग्राम (Gurugram) के सेक्टर 37 में हिंदुत्वा समूहों द्वारा यही नारा लगाया जा रहा था, जहां आमतौर पर मुसलमान जुम्मे (शुक्रवार) को नमाज पढ़ते थे.

गुरुग्राम नमाज विवाद (Gurugram namaz dispute) ने जब इस हफ्ते एक बार फिर बदसूरत और सांप्रदायिक रुख अख्तियार किया, द क्विंट ने शहर में इस विवाद से सबसे बुरी तरह प्रभावित स्थलों में से एक में जो कुछ भी हुआ, उसका दस्तावेजीकरण किया.

मुस्लिम विरोधी नारे लगाने से लेकर, एक मुस्लिम व्यक्ति का यह कहना कि 'जय श्री राम' का नारा लगाने के लिए दबाव डालते हिंदुत्वा भीड़ ने उससे मार-पीट की, यह रही गुरुग्राम में एक शुक्रवार के घोर सांप्रदायिक होने की कहानी.

'यह हमारा जन्मस्थान है, तुम्हारा नहीं'

"हम यहां शांति से नमाज पढ़ने आए थे. उन्होंने (हिंदुत्वा प्रदर्शनकारियों ने) हमें नमाज नहीं पढ़ने दी और ऊपर से हमारे साथ मारपीट की. मैं उनको कुछ नहीं बोला, वहां चुपचाप खड़ा था और मुझे पीछे से थप्पड़ मारा"

नजीम अली मुरादाबाद का एक 28 वर्षीय प्रवासी श्रमिक है जो गुरुग्राम में अपनी रोजी-रोटी कमाता है. वह हमे बता रहा था कि कैसे उसे और अन्य मुसलमानों को सेक्टर 37 में खुले स्थान पर नमाज पढ़ने से रोका गया क्योंकि सैकड़ों हिंदुत्वा प्रदर्शनकारियों ने पूरी जगह पर कब्जा कर लिया था.

निराश नजीम ने कहा "क्या कोई धर्म है जो लोगों को पूजा करने या नमाज पढ़ने से रोकता है? क्या राम हमें नमाज नहीं पढ़ने के लिए कहते हैं, या अल्लाह किसी को मंदिर नहीं जाने के लिए कहता है? हम यहां शुक्रवार को ही नमाज पढ़ने आते हैं, रोज भी नहीं."

इंटरव्यू के बीच ठीक इसी समय हिंदुत्वा प्रदर्शनकारियों ने हमारी बातचीत को बाधित किया और नजीम पर चिल्लाने लगे. गर्मा-गहमी तेजी से बढ़ी और जय श्री राम के नारे लगने लगे.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

हिंदुत्वा प्रदर्शनकारी अंतरपाल, नजीम पर चिल्लाया, "यह हमारा जन्मस्थान है, हम यहीं रहेंगे."

नजीम: यह हमारा जन्मस्थान भी है!

अंतरपाल: तुम्हारी कैसे है?

नजीम : हमारी पीढ़ियां यहीं मरी है.

अंतरपाल : कौन सी पीढ़ी? यहां कौन सा मोहम्मद गोरी मर गया?

नजीम ने जवाब दिया, "तो तुम्हारा क्या मतलब है - मैं एक विदेशी हूं?" और अंतरपाल वापस चिल्लाया, "हां, तुम एक विदेशी हो. तुम जो (नमाज पढ़ना) कर रहे हो, उससे पता चलता है कि तुम एक विदेशी हो"

मामला आगे बढ़ता देख, नजीम और उसके दोस्त दूर जाने का फैसला करते हैं. "चलो चलते हैं, यहां से चलते हैं," उन्हें यह कहते हुए सुना जा सकता है.

लेकिन जब वो क्षेत्र छोड़ हट गए, तब भी हिंदू संगठन के प्रदर्शनकारियों ने उनका पीछा किया.

“उन्होंने मुझे 'जय श्री राम' बोलने के लिए कहा और मारपीट की”

कुछ मिनट बाद, हमने अंतरपाल और उनके हिंदू संगठन के कई साथी प्रदर्शनकारियों को उनकी बाइक पर देखा, जो दूसरी दिशा में तेजी से भाग रहे थे. जाते हुए अंतरपाल चिल्लाया, "मोहम्मद गोरी को इसकी दवा मिल गई है, चलो चलें"

बाइकें जिस जगह से अभी-अभी निकली थीं, ठीक उसी जगह सड़क के बीचों-बीच एक जैकेट पड़ी थी. वह जैकेट नजीम अली की थी.

बाइक पर बैठाअंतरपाल, बस रफ्तार पकड़ने ही वाला था

(फोटो: मेघनाद बोस/द क्विंट)

नजीम ने बताया “हम जा रहे थे, तभी ये लोग हमारे पीछे आने लगे और 'जय श्री राम' का नारा लगाने लगे. फिर, वे आए और मेरे सामने अपनी बाइक रोक दी और मुझसे 'जय श्री राम' का बोलने के लिए कहने लगे. मैंने उनसे कहा कि मैं तुम्हारे बोलने से नहीं कहूंगा. मैं खुद अपनी इच्छा से 'जय श्री राम' कहता हूं और पूजा में भी भाग लेता हूं. लेकिन मैं ऐसा नहीं कहूंगा क्योंकि वे मुझे मजबूर कर रहे हैं."

नजीम का कहना है कि हिंदू संगठन के प्रदर्शनकारियों ने फिर उसके साथ मार-पिटाई की. "वे मुझे घूंसे मारते रहे."

नजीम की जैकेट बीच सड़क पर पड़ी है

(फोटो: द क्विंट)

यह जानने के लिए हमारा पूरा वीडियो देखें कि क्या नजीम इस मामले में पुलिस से शिकायत करना चाहता है और क्या वह अगले शुक्रवार को सेक्टर 37 में उसी खुली जगह पर नमाज पढ़ते जाना चाहता है.

नजीम ने वही जैकेट पहन रखी है

(फोटो: मेघनाद बोस/द क्विंट)

नजीम अंतरपाल जैसे हिंदू संगठन के प्रदर्शनकारियों को कैसे जवाब देते हैं जो उन्हें उनके धार्मिक विश्वास के आधार पर विदेशी कहता है? और उनके कमरे के दरवाजे पर हिंदू देवी-देवताओं के चित्र क्यों लगे हैं?

10 दिसंबर को हिंदू संगठन विरोध में किए गए मुस्लिम विरोधी नारों के बारे में पुलिस क्या करेगी, जो थाने के सामने और दर्जनों पुलिस अधिकारियों के मौजूदगी में हुई थी? और यह पूछे जाने पर कि क्या कार्रवाई की जाएगी, वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने क्या प्रतिक्रिया दी?

हमारी पूरी वीडियो ग्राउंड रिपोर्ट में इन सारे सवालों का जवाब देखें.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 17 Dec 2021,07:53 PM IST

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT