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पूर्व आईएएस अफसर हर्ष मंदर समेत कई सामाजिक कार्यकर्ताओं ने सिटिजनशिप अमेंडमेंट बिल के खिलाफ देशवासियों से सविनय अवज्ञा आंदोलन छेड़ने की अपील की है. इन कार्यकर्ताओं का कहना है कि सिटिजनशिप अमेंडमेंट बिल और एनआरसी ध्रुवीकरण की कोशिश है.
मंदर ने कहा है कि अगर सिटिजन अमेंडमेंट बिल राज्यसभा में पास हो गया तो वह अपना नाम एक मुस्लिम के तौर पर रजिस्टर करवा लेंगे. लोकसभा में 9 दिसंबर को सिटिजन अमेंडमेंट बिल पारित हो चुका है.
सीनियर जर्नलिस्ट निखिल वागले ने हर्ष मंदर की सविनय अवज्ञा आंदोलन की अपील का समर्थन किया है और ट्वीट करते हुए लिखा है कि मैं आपकी इस अपील से सहमत हूं. मैं नास्तिक हूं इसलिए कोई धर्म नहीं अपनाऊंगा.एक नागरिक के तौर पर मैं सिटिजनशिप अमेंडमेंट बिल और एनआरसी के खिलाफ अपनी लड़ाई लड़ूंगा.
एक और पूर्व आईएएस अफसर एस शशिकांत सेंथिल ने कहा कि मैं एनआरसी को मंजूर करने से इनकार करता हूं. इसलिए मैंने अपनी नागरिकता को साबित करने के लिए जरूरी दस्तावेज जमा न करने का फैसला किया है. अपनी सविनय अवज्ञा के खिलाफ कोई भी सजा भुगतने के लिए मैं तैयार हूं. उन्होंने लिखा है कि अगर सरकार ने मुझे गैर नागरिक घोषित कया तो मैं देश भर में बनाए जा रहे डिटेंशन सेंटर में जाने के लिए तैयार हूं. सेंथिल ने कश्मीर में आर्टिकल 370 हटाए जाने के खिलाफ इस्तीफा दे दिया था.
सिटिजनशिप (अमेंडमेंट) बिल, 2019 के मुताबिक पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में धार्मिक प्रताड़ना के शिकार हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदाय के लोग अगर 31 दिसंबर 2014 पहले से भारत आ गए हैं तो उन्हें अवैध प्रवासी नहीं माना जाएगा. उन्हें भारत की नागरिकता दी जाएगी.
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