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राजनयिक हर्षवर्धन श्रृंगला ने बुधवार 29 जनवरी को देश के 33वें विदेश सचिव के तौर पर कार्यभार संभाल लिया. अमेरिका में भारत के राजदूत रहे शृंगला ने विजय गोखले की जगह ली है. शृंगला दो साल के लिए विदेश सचिव नियुक्त किए गए हैं.
पदभार संभालने के बाद 57 साल के हर्षवर्धन शृंगला ने कहा, "मैं मंत्रालय के काम के प्रति भी उतना ही प्रतिबद्ध हूं, जितना मैं 36 साल पहले था जब मैंने सर्विस ज्वॉइन की थी. मैं प्रधानमंत्री, विदेश मंत्री और राजनीतिक नेतृत्व के मार्गदर्शन और अपने सहकर्मियों के समर्थन से काम करने की आशा करता हूं."
श्रृंगला ऐसे समय पदभार संभाल रहे हैं, जब भारत के समक्ष विदेश नीति संबंधी कई चुनौतियां हैं. इनमें नए नागरिकता कानून को लेकर कुछ देशों और वैश्विक संस्थानों की भारत की आलोचना के बीच राजनीतिक पहुंच बढ़ाना शामिल है. भारत क्षेत्र में अधिकाधिक मुखर ट्रंप प्रशासन और अपने सैन्य और आर्थिक प्रभाव का विस्तार करने के चीन के प्रयास का सामना भी कर रहा है.
श्रृंगला (57) विदेश सेवा के 1984 बैच के अधिकारी हैं. उन्होंने करीब एक साल तक अमेरिका में भारतीय राजदूत के तौर पर सफलतापूर्वक जिम्मेदारी निभाई. कार्यभार संभालने से पहले श्रृंगला ने पत्रकारों से कहा था यह बेहद स्पष्ट है कि विदेश सेवा जन सेवा है और सभी प्रयास देश को समर्पित होने चाहिए.
अपने 35 साल के एक कूटनीतिक करियर में श्रृंगला ने नई दिल्ली और विदेशों में कई पद संभाले हैं और उन्हें भारत के पड़ोसी देशों का एक विशेषज्ञ माना जाता है. शीर्ष पद पर श्रृंगला की नियुक्ति में सरकार ने वरिष्ठता के सिद्धांत का पालन नहीं किया. ब्रिटेन में 1982 बैच की आइएफएस अधिकारी, भारतीय उच्चायुक्त रुचि घनश्याम भी इस पद दावेदार थीं.
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