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जाट नेताओं के एक वर्ग ने आरक्षण के लिए कल रविवार, 5 जून से फिर से विरोध प्रदर्शन शुरू करने की घोषणा की है. हरियाणा सरकार और राज्य पुलिस ने इसके मद्देनजर राज्य में शांति व्यवस्था कायम रखने के लिए जरूरी कदम उठाने शुरू कर दिए हैं. इनमें सोनीपत में धारा 144 लगाया जाना शामिल है.
पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने जाट एवं अन्य समुदाय के लिए आरक्षण कोटा की अधिसूचना पर रोक लगा दी है. इससे उत्तरी राज्यों जिनमें पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू एवं कश्मीर और केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ के लोग इस बात से चिंतित हैं कि आंदोलन के हरियाणा में फिर सड़क और रेल मार्ग जाम हो सकता है.
कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिसकर्मियों एवं अर्धसैनिक बलों को सोनीपत, रोहतक, झज्जर, जींद, पानीपत और कैथल जैसे संवेदनशील जिलों में तैनात कर दिया गया है. आंदोलन की घोषणा के मद्देनजर हरियाणा पुलिस ने गुरुवार को सभी पुलिसकर्मियों का अवकाश रद्द किए जाने की घोषणा की है.
हरियाणा पुलिस किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार
हरियाणा के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजीपी) मुहम्मद अकिल ने कहा कि पुलिस किसी भी परिस्थिति का सामना करने के लिए पूरी तरह तैयार है.
हरियाणा के अपर मुख्य सचिव गृह राम निवास ने कहा है कि हरियाणा में अर्धसैनिक बलों की 48 कंपनियां विधि व्यवस्था बनाए रखने में राज्य पुलिस की सहायता करेंगी.
आल इंडिया जाट आरक्षण संघर्ष समिति (एआईजेएएसएस) के नेता हवा सिंह सांगवान ने आश्वस्त किया है कि आंदोलन शांतिपूर्ण रहेगा. वहीं, जाट समुदाय के कुछ अन्य वर्गों और उनके नेताओं ने इस आंदोलन से खुद को अलग कर लिया है.
हरिणाया ने अपने पांच दशकों के इतिहास में इस साल फरवरी में जाट आंदोलन के दौरान हिंसा का सबसे खराब दौर देखा था. आंदोलन के दौरान 30 लोगों की जान गई थी, 320 लोग घायल हुए थे और सैकड़ों करोड़ की संपत्ति बर्बाद हुई थी. करीब 10 दिनों तक राज्य पंगु बना रहा था.
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