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देश भर में "भारत को एक हिंदू राष्ट्र में बदलने के लिए" कई शपथ ग्रहण कार्यक्रम आयोजित किए गए जिनके वीडियो सुदर्शन न्यूज (Sudarsha News) और इसके प्रधान संपादक सुरेश चव्हाणके ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर शेयर किए हैं.
सुरेश चव्हाणके ने बुधवार 29 दिसंबर को एक वीडियो पोस्ट किया जिसमें एक अज्ञात व्यक्ति को उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के सोनभद्र में एक स्कूल के छात्रों को भारत को हिंदू राष्ट्र (Hindu Rashtra) बनाने के लिए "लड़ो, मरो, और यदि आवश्यक हो, तो मारो" की शपथ दिलाते हुए देखा जा सकता है.
सुदर्शन न्यूज ने मंगलवार, 28 दिसंबर को यूपी के रूपैडीहा और नागपुर में इस तरह के शपथ ग्रहण समारोह के दो वीडियो शेयर किए. इससे पहले सुरेश चव्हाणके ने 19 दिसंबर को दिल्ली में हिंदू युवा वाहिनी द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान इसी तरह की शपथ दिलाई थी, जिसके वीडियो 22 दिसंबर को सोशल मीडिया पर सामने आए थे.
"हम भारत बनाने और भारत को एक हिंदू राष्ट्र रखने की दिशा में काम करने का वादा करते हैं. हम इसके लिए लड़ेंगे, इसके लिए मरेंगे, और यदि आवश्यक हो, तो इसके लिए मार डालेंगे. लेकिन हम एक पल के लिए भी पीछे नहीं हटेंगे, बलिदान चाहे कुछ भी हो. हमारे पूर्वज, शिक्षक, भारत माता हमें इतनी शक्ति दें कि हम अपना संकल्प पूरा कर सकें. वे हमें जीत दिलाएं." -तीनों जगह ली गई शपथ
यूपी के सोनभद्र जिले के नेहरू पार्क में स्कूली बच्चों को शपथ दिलाई गई और सुदर्शन टीवी के रिपोर्टर राजेश सिंह ने इसे रिकॉर्ड किया. इसका अंत "भारत माता की जय", "वंदे मातरम" और "जय हिंद" के नारों के साथ हुआ.
वीडियो क्लिप पर प्रतिक्रिया देते हुए सोनभद्र पुलिस ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर कहा कि संबंधित पुलिस अधिकारी को मामले से अवगत करा दिया गया है और वीडियो की जांच की जा रही है.
सुदर्शन न्यूज ने मंगलवार को शेयर किए गए पहले वीडियो में भारत-नेपाल बॉर्डर के पास एक छोटे से शहर रूपैडीहा में एक अज्ञात व्यक्ति को 12 लोगों को शपथ दिलाते हुए देखा जा सकता है.
इससे पहले मंगलवार को शेयर किए गए अन्य वीडियो में एक अज्ञात महिला को नागपुर में कई लोगों को शपथ दिलाते हुए दिखाया गया है. अंत में लोगों ने "भारत माता की जय", "वंदे मातरम", "जय श्री राम" और "छत्रपति शिवाजी महाराज की जय" के नारे भी लगाए.
दिल्ली में नफरत फैलाने वाली घटना कथित तौर पर 19 दिसंबर को गोविंदपुरी मेट्रो स्टेशन के पास बनारसीदास चांदीवाला ऑडिटोरियम में हुई थी. 24 दिसंबर तक इस मामले में पुलिस ने कोई कार्रवाई शुरू नहीं की थी. यह आयोजन में विवादास्पद हिंदुत्व नेता यति नरसिंहानंद ने 17 से 19 दिसंबर तक उत्तराखंड के तीर्थ शहर हरिद्वार में आयोजित तीन दिवसीय सम्मेलन के बाद किया था. ऐसे कई भाषणों के वीडियो सामने आए जिसमें उपस्थित लोगों को अल्पसंख्यकों को मारने और उनके धार्मिक स्थलों पर हमला करने के लिए उकसाया गया था जो बाद में ऑनलाइन उपलब्ध कराए गए.
इस बीच सुप्रीम कोर्ट के 76 वकीलों ने 26 दिसंबर को भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना को पत्र लिखा था, जिसमें सुप्रीम कोर्ट से दिल्ली में हिंदू युवा वाहिनी द्वारा और हरिद्वार में यति नरसिंहानंद द्वारा दो अलग-अलग धार्मिक आयोजनों में मुसलमानों को जड़ से मिटाने के लिए मुसलमानों के नरसंहार के खुले आह्वान पर स्वत: संज्ञान लेने के लिए कहा गया था.
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