advertisement
उत्तर प्रदेश के हाथरस में 20 साल की लड़की के साथ हुई हैवानियत के मामले में कई तरह की लापरवाही सामने आई थी. जिसमें हैवानियत के बाद लड़की के उचित इलाज को लेकर भी सवाल उठे थे. अब इस मामले को लेकर बड़ी कार्रवाई हुई है. हाथरस के जिस हॉस्पिटल में पीड़िता का इलाज हुआ था उसके सीएमओ और इलाज करने वाले डॉक्टर को सस्पेंड कर दिया गया है.
बता दें कि हाथरस में पीड़िता के साथ कुछ युवकों ने हैवानियत की और उसके साथ जमकर मारपीट भी हुई. जिसके बाद उसकी रीढ की हड्डी और गर्दन में में चोट आई. घटना के बाद पुलिस की लापरवाही भी देखने को मिली. लेकिन आखिरकार पुलिस ने पीड़िता को अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के जेएन मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया. बताया गया कि पीड़िता को कई दिनों तक जनरल वार्ड में रखा गया, जबकि उसकी हालत गंभीर थी.
इस मामले पर जमकर बवाल और राजनीति हुई. इसके बाद जांच सीबीआई के हाथों में सौंप दी गई थी. बताया जा रहा है कि सीबीआई जांच में ही मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर और प्रशासन की गलती निकलकर सामने आई है. जिसके बाद अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर ने ये निलंबन का ये फैसला किया. उन्होंने सीएमओ को लिखे एक लेटर में कहा है कि आपकी नियुक्ति तत्काल प्रभाव से निरस्त की जाती है.
हाथरस इस मामले में कई स्तर पर लापरवाही देखने को मिली थी. जिसके बाद सबसे पहले एसपी और डीएसपी समेत कुल 5 पुलिस अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया गया था. साथ ही कहा गया था कि उन सभी का पॉलीग्राफ टेस्ट किया जाएगा. मामले में योगी सरकार पर भी आरोप लगे कि सरकार ने इस मामले पर देर से संज्ञान लिया.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)