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हाथरस केस में CBI जांच की देखरेख करेगा इलाहाबाद हाईकोर्ट: SC

हाथरस मामले में पीड़ित परिवार और गवाहों को सुरक्षा वगैरह की देख-रेख इलाहाबाद हाईकोर्ट करेगा

क्विंट हिंदी
भारत
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सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच के 20 अक्टूबर वाले आदेश पर रोक लगा दी
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सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच के 20 अक्टूबर वाले आदेश पर रोक लगा दी
(फोटो: PTI)

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हाथरस गैंगरेप और हत्या मामले (Hathras Case) को दिल्ली ट्रांसफर किए जाने वाली याचिका की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अब हाथरस केस में चल रही सीबीआई जांच इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) की निगरानी में होगी. सीबीआई को अपनी स्टेटस रिपोर्ट भी हाईकोर्ट को सौंपनी होगी.

इस मामले में सुप्रीम कोर्ट की 3 जजों वाली बेंच सुनवाई कर रही थी, जिसमें चीफ जस्टिस एसए बोबड़े, जस्टिस एएस बोपन्ना, जस्टिस वी रामा सुब्रह्मण्यन शामिल हैं. PIL और बाकी कुछ याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए बेंच ने 15 अक्टूबर को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. याचिकाओं में कहा गया था कि उत्तर प्रदेश में साफगोई के साथ सुनवाई संभव नहीं है, इसलिए इस केस को दिल्ली ट्रांसफर कर दिया जाए.

सुप्रीम कोर्ट की 3 जजों वाली बेंच ने कहा कि जहां तक हाथरस केस को दिल्ली ट्रांसफर किए जाने का जो मुद्दा है, अभी बेहतर यही होगा कि पहले सीबीआई अपनी जांच पूरी करे. इस मामले में बाद में फैसला किया जाएगा.

पीड़ित परिवार, गवाहों की देखरेख इलाहाबाद HC के जिम्मे

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हाथरस मामले में पीड़ित परिवार और गवाहों को सुरक्षा वगैरह की देख-रेख इलाहाबाद हाईकोर्ट करेगा. सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा कि सीबीआई अपनी स्टेटस रिपोर्ट इलाहाबाद हाईकोर्ट में दायर करेगी.

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अभी CBI कर रही है मामले की जांच

बता दें कि 13 अक्टूबर को सीबीआई ने हाथरस केस की जांच अपने हाथों में ले ली थी. इसके पहले 3 अक्टूबर को योगी सरकार ने हाथरस केस की जांच सीबीआई से कराए जाने की सिफारिश की थी. हाथरस में युवती के साथ कथित दुष्कर्म और मारपीट के बाद मौत की जांच कर रही एसआईटी ने बुलगड़ी गांव के 40-45 लोगों से इस केस के बारे में पूछताछ की थी.

14 सितंबर को कथित रूप से 20 साल की युवती के साथ गैंगरेप हुआ और उसे बुरी तरह से पीटा जाता है. इसके बाद दिल्ली में इलाज के दौरान पीड़िता की मौत हो गई और उत्तर प्रदेश सरकार पर आरोप लगे कि बिना परिवार की अनुमति के युवती की लाश को रात में ही जला दिया गया. पूरे देश में इस मुद्दे को लेकर उबाल देखने को मिला. इसके बाद ही सीबीआई जांच की मांग उठी.

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